नई दिल्ली। फिल्मी अंदाज में शुरू हुई बाबा के ढाबा की कहानी अब वापस जमीन पर या चुकी है। पिछले दिसंबर में बाबा का ढाबा एक रेस्टोरेंट बन चुका था, लेकिन यह फिल्मी कहानी बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई.

दरअसल, बाबा के नाम से प्रसिद्ध कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी पिछले कई सालों से द‍िल्ली के मालवीय नगर के फुटपाथ पर अपना ढाबा चला रहे थे। लेकिन इन्हे कोई जानता नहीं था ना इनके पास ज्यादा ग्राहक आते थे। लेकिन जैसे ही उनकी मुलाकात यूट्यूबर गौरव से हुई उनकी जिंदगी बदल गई।

हालांकि, जैसे ही नाम और पैसा मिला, गौरव वासन से कांता प्रसाद के रिश्ते बिगड़ने लगे. कई और लोग कांता प्रसाद के करीब आ गए और उनकी मदद से कांता प्रसाद ने पास में ही एक अपना रेस्टोरेंट खोल दिया लेकिन दिसंबर में शुरू हुए इस रेस्टोरेंट्स का कारोबार महज 2 महीने चल पाया और फरवरी में उस पर भी ताला लग गया. 

कम 1 लाख रुपये का खर्च हर महीने आता था जबक‍ि कमाई 30 हजार से ज्यादा नहीं हो रही थी. तभी उन्होंने फैसला लिया कि अब वह अपना रेस्टोरेंट बंद कर देंगे और जिस ढाबे पर वह सालों से काम करते आ रहे हैं, उसी से अपना काम चलाते रहेंगे. 

 उन्होंने बताया कि गौरव को लेकर मुझे कई लोगों ने बरगला दिया और इसीलिए गौरव से मेरी दूरी बढ़ गई. अब मैं उस पूरी घटना को लेकर शर्मिंदा हूं और अगर गौरव मेरे पास कभी भी आना चाहे तो उनका स्वागत है.

कांता प्रसाद यह भी बताते हैं कि जो पैसा उन्हें सोशल मीडिया की प्रसिद्धि से मिला उसका इस्तेमाल उन्होंने रेस्टोरेंट के साथ-साथ अपने घर को बनाने के लिए भी किया है. कांता प्रसाद कहते हैं कि उन्होंने कुछ पैसा अपनी आगे की जिंदगी को ध्यान में रखते हुए संभाल कर भी रखा है.

 

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