नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से रविवार को 8 वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। लाल किले से संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर कहा कि ऐसे भारत का निर्माण हो जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पीएम ने कहा कि लाल किले से संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर कहा कि ताली बजाकर पदकवीरों का सम्मान हो। इन खिलाड़ियों ने विशेष तौर पर दिल ही नहीं उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया। जीवन को आगे बढ़ाने में जो भी प्रभावी माध्यम हैं उसमें एक खेल भी है। जीवन में संपूर्णता के लिए खेलकूद होना बहुत आवश्यक है। अब देश में फिटनेस और खेल को लेकर एक जागरुकता आई है। इस बार ओलिंपिक में भी हमने देखा है। ये बदलाव हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट हैं।

उन्होंने कहा कि प्रगति पथ पर बढ़ रहे हमारे देश के सामने, पूरी मानवजाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है। आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में चल रहा है। हम 54 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं। हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों की ताकत का ही नतीजा है कि आ भारत को किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा।

पीएम ने कहा कि आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके भारत ने देश के दुश्मनों को नए भारत के सामर्थ्य का संदेश भी दे दिया है। ये बताता है कि भारत बदल रहा है। भारत कठिन से कठिन फैसले भी ले सकता है और कड़े से कड़े फैसले लेने में भी भारत झिझकता नहीं है, रुकता नहीं है। देश को विश्वास दिलाता हूं कि देश की रक्षा में लगी सेनाओं के हाथ को मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे।

उन्होंने कहा कि देश के सभी सैनिक स्कूलों में अब बेटियां भी पढ़ेंगी। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। सड़क से लेकर वर्कप्लेस तक, हर जगह पर महिलाओं में सुरक्षा और सम्मान का अहसास हो, इसके लिए हम सबको जिम्मेदारी निभानी होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नौजवानों के रोजगार के लिए सरकार 100 लाख करोड़ से भी ज्यादा की योजना लेकर आने वाली है। गतिशक्ति हमारे देश के लिए एक ऐसा नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर मास्टरप्लान होगा जो होलिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखेगा। हमारी अर्थव्यवस्था को एक इंटीग्रेटेड और होलिस्टिक पाथवे देगा।

उन्होंने कहा कि आज से 25 साल बाद जो भी प्रधानमंत्री होगा, वह उन्‍हीं संकल्‍पों को सिद्धियों में बदल जाने की बात करेगा, जिन्‍हें आज देश ले रहा है। पीएम मोदी ने देशवासियों को उनके कर्तव्‍यों की याद दिलाते हुए कहा कि ‘मैं भविष्यदृष्टा नहीं हूं, मैं कर्म के फल पर विश्वास रखता हूं। उन्‍होंने कहा कि जिन संकल्पों का बीड़ा आज देश ने उठाया है, उन्हें पूरा करने के लिए देश के हर जन को उनसे जुड़ना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि धारा 370 को बदलने का ऐतिहासिक फैसला हो, देश को टैक्स के जाल से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था- GST हो, हमारे फौजी साथियों के लिए वन रैंक वन पेंशन हो, या फिर रामजन्मभूमि केस का शांतिपूर्ण समाधान, ये सब हमने बीते कुछ वर्षों में सच होते देखा है।

पीएम ने किसानों की जमीन छोटी होती जा रही है। 80 प्रतिशत किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। 100 में से 80 किसान यानी देश का किसान एक तरीके से छोटा किसान है। देश में पहले जो नीतियां बनीं, उसमें छोटे किसानों पर जो नीतियां बननी चाहिए थी, उन पर जो ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था, वह नहीं हुआ। छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी

श्री मोदी ने कहा कि गांव में जो हमारी सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक प्रॉडक्ट्स बनाती हैं। इनके प्रॉडक्ट्स को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी। पीएम मोदी ने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अभी से जुट जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, सही समय है। बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपनेआप को ढालना होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इसी भाव के साथ हम सब जुट चुके हैं।

उन्होंने कहा कि आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़े लेकिन सिर्फ यहां बात पूरी नहीं होती। अब हमें पूर्णता तक जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब सरकार ये लक्ष्य बनाकर चलती है कि हमें समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचना है तो न कोई भेदभाव हो पाता है न ही भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती है। देश के हर गरीब व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है।

मेडिकल शिक्षा में जरूरी बड़े सुधार भी किए गए हैं। प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर भी उतना ही ध्यान दिया गया है। साथ साथ देश में मेडिकल सीटों में भी काफी बढ़ोतरी की गई है। बहुत जल्द देश के हजारो अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे। मूलभूत जरूरतों की चिंता के साथ दलितों, पिछड़ों, आदिवासी वर्ग, सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है। संसद में कानून बनाकर OBC से जुड़ी सूची बनाने का अधिकार राज्यों को दे दिया गया है।

उन्होंने कहा कि देश ने बहुत अहम फैसला लिया है। आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में, 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेंगी।आज जिस गति से देश में नए एयरपोर्ट्स का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ रही है, वो भी अभूतपूर्व है। देश के हर गरीब हर व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है, जरूरी पोषण की कमी उनके विकास में बाधा बन जाती है,सरकार योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी, गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी।

हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशवासियों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का यह वर्ष देशवासियों में नई ऊर्जा और नवचेतना का संचार करे।

लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराने के पहले प्रधानमंत्री  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर गए और बापू को नमन किया।

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