नई दिल्ली। देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है और लोग घरों में रहकर अपनी जान बचाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ-हैदराबाद के निदेशक प्रो. जीवीएस मूर्ति के अनुसार, फ्लू की तरह COVID-19 यहां पीढ़ियों तक रहने वाला है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि जून के अंत में दक्षिण और पश्चिम भारत में COVID-19 मामलों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी जा सकती है।
उनके अनुसार, अगली COVID-19 लहर आने में पांच से छह महीने लगेंगे, क्योंकि तब तक जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता एक बार फिर खत्म हो जाएगी। नवंबर फिर से एक चिंताजनक समय हो सकता है।
प्रो. मूर्ति ने कहा, “यदि देश नवंबर तक 30 वर्ष से अधिक आयु के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण कर सकता है, तो हम COVID के प्रसार के लिए एक प्रभावी चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे।” साथ ही बच्चों में उपलब्ध टीकों का फील्ड-टेस्ट करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि यदि संभव हो तो वैक्सीन को देश में ‘यूनिवर्सल प्रोग्राम ऑफ इम्यूनाइजेशन’ में जोड़ा जा सके।
प्रो. मूर्ति ने रेखांकित किया कि अगर हमें जोखिम कम करना है तो फरवरी 2022 तक बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। पर्याप्त सावधानियों के साथ स्कूल और कार्यालय खोले जा सकते हैं।