नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को राज्यसभा में शून्य काल के दौरान जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों के दो प्रतिनिधियों को मनोनीत करने से जुड़े संशोधन के पक्ष में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 में इससे संबंधित संशोधन जल्द से जल्द किया जाए। राज्यसभा में सुशील मोदी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के चलते लाखों की संख्या में राज्य से पलायन करना पड़ा था। कश्मीरी पंडित सामूहिक हत्या, नरसंहार और सामूहिक बलात्कार के शिकार हुए थे। इसी को देखते हुए जस्टिस रंजन देसाई की अध्यक्षता में जम्मू कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग ने राज्य की विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों या कश्मीरी पंडितों के दो प्रतिनिधियों को मनोनीत किए जाने की अनुशंसा की थी। इन दोनों में से एक महिला होंगी। इनको केंद्र सरकार मनोनीत करेगी और पुडुचेरी विधानसभा के मनोनीत विधायकों की तरह ही इनके पास अधिकार होंगे। विश्वास मत और बजट आदि में मतदान करने का अधिकार होगा। कमीशन ने यह भी अनुशंसा की है कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों में से एक प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करे।
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