नई दिल्ली। देश के तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने 2018-19 1163.7 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया। इनमें 50 प्रतिशत चंदा चुनावी बॉन्ड के जरिये जमा किया गया। इन पार्टियों के चुनाव आयोग को दिए गए ब्योरे के आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
एडीआर की बीती रात जारी रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है कि तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने समय पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए शेष पांच राष्ट्रीय दलों और 30 क्षेत्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 1163.17 करोड़ रुपये थी। बीजू जनता दल (बीजद) ने इस दौरान अपनी कुल आय 249.31 करोड़ रुपये दिखाई है जो विश्लेषण की गई सभी पार्टियों की कुल आय का 21.43 प्रतिशत है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस है जिसने अपनी आय 19-20 में 192.65 करोड़ बताई है जो कुल आय का 16.56 प्रतिशत है। टीआरएस को 2018-19 में 188.71 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है जो कुल आय का 16.22 प्रतिशत है। तीनों दलों की कुल आय की बात करें तो यह 630.67 करोड़ रुपये थी, जो राजनीतिक दलों की कुल आय का 54.22 प्रतिशत है।
विश्लेषण किए गए कुल 25 राजनीतिक दलों में से, 17 दलों ने वित्त वर्ष 2017-18 से लेकर वित्त वर्ष 2018-19 तक अपनी आय में वृद्धि दिखाई है जबकि 6 दलों ने इस अवधि के दौरान अपनी आय में गिरावट दिखाई है। वित्त वर्ष 2017-18 में 23 पार्टियों की कुल आय 329.46 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 1155.14 करोड़ रुपये हो गई ।
50 प्रतिशत से ज्यादा आय चुनावी बॉन्ड से
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान इन 25 पार्टियों के सबसे ज्यादा आय चुनावी बॉन्ड से हुई है। इसका आंकड़ा 50 प्रतिशत से ज्यादा है। दान से इन पार्टियों को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है, जो इन दलों की कुल आय का करीब 26 प्रतिशत है। इसके अलावा सदस्यता शुल्क व अन्य मदों से भी पार्टियों को कमाई हुई है।
आय का स्रोत (रुपये में)
चुनावी बॉन्ड- 588 करोड़ रुपये
अन्य दान- 306 करोड़ रुपये
सदस्यता शुल्क- 141 करोड़ रुपये
एफडी व ब्याज- 116 करोड़ रुपये
22 पार्टियों ने आय से कम, 6 दलों ने आय से ज्यादा खर्च किया
रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 के दौरान तीन राष्ट्रीय दलों को मिलाकर 22 पार्टियों ने अपनी आय से कम खर्च किया है। इसमें तृणमूल कांग्रेस सबसे ऊपर है। वहीं 6 पार्टियों ने अपनी आय से अधिक खर्च की जानकारी दी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने मिलाकर कुल 442.73 करोड़ रुपये खर्च किए।
पार्टी खर्च
तृणमूल कांग्रेस- 94 प्रतिशत
एनडीपीपी- 87 प्रतिशत
टीआरएस- 84 प्रतिशत
छह राजनीतिक दलों सपा, शिरोमणि अकाली दल, इनेलो, मनसे, रालोद और एनपीएफ ने अपनी आय से अधिक खर्च किया है। सबसे ज्यादा खर्च करने वाली टॉप तीन पार्टियों में वाईएसआर-कांग्रेस हैं, जिसने 87.684 करोड़ या 19.81 प्रतिशत खर्च किए थे। इसके बाद सीपीएम ने 76.150 करोड़ और सपा ने 50.92 करोड़ खर्च किए ।
तीन राष्ट्रीय दलों सहित 19 राजनीतिक दल हैं जिन्होंने अपनी आय का एक हिस्सा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए शेष के रूप में घोषित किया जबकि 6 राजनीतिक दलों ने वर्ष के दौरान एकत्रित आय से अधिक खर्च किया। एआईटीसी के पास अपनी कुल आय का 94 प्रतिशत से अधिक शेष है, जिसके बाद एनडीपीपी और टीआरएस के पास क्रमशः 87 प्रतिशत और 84 प्रतिशत है, जो कि उनकी आय वित्त वर्ष 2018-19 के लिए शेष है।

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