शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुधवार को हुई जबर्दस्त बर्फ़बारी हुई। विभिन्न राज्यों से घूमने आये अनेक पर्यटक इसमें फंस गए हैं। इनमें से कई पर्यटक परिवार व बच्चों समेत और कुछ हनीमून पर शिमला आये हैं। ज्यादातर पर्यटकों ने टूर एंड ट्रेवल्स से पैकेज बुक कराया था। हालांकि सभी सुरक्षित हैं।
पुलिस प्रशासन बुधवार की सुबह से बर्फ़बारी में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने की कोशिशों में लगा है। अब तक तीन दर्जन से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकालकर होटलों व धर्मशालाओं में ठहराया गया है। कई पर्यटकों को एक-दो दिन और होटलों में बिताना पड़ेगा, क्योंकि भारी बर्फबारी होने के कारण सड़कें बंद है। शिमला के एस.पी. ओमा पति जंबाल ने गुरुवार को बताया कि बर्फ में फंसे दिल्ली और हरियाणा के 43 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 24 पर्यटकों को लेकर जा रहे दो वाहन बुधवार को शिमला के ढली थाना क्षेत्र के तहत कोटी के पास बर्फ में फंस गए थे। शिमला पुलिस ने इनका रेस्क्यू करवाया और इनका सिडार होटल में ठहरने का प्रबंध किया गया है।
पर्यटकों के इस दल में 7 पुरुष, 11 महिलाएं, 4 बच्चे और 2 चालक हैं। इसी तरह हरियाणा के 13 पर्यटकों को हसनवेली से सुरक्षित निकालकर सुरक्षित शिमला लाया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के ही जींद के रहने वाले 5 सैलानियों को मशोबरा बाइफर्केशन से रेस्क्यू कर उन्हें वुडरिणा होटल में ठहराया गया है। नालदेहरा में फंसे पिंजौर के एक पर्यटक को रेस्क्यू कर पुलिस ने नालदेहरा के एक होटल में ठहराया है। एस.पी. ने बताया कि मौसम खुलने पर सड़कों को खोलने का कार्य चल रहा है। शहर के पर्यटक स्थलों में कई अन्य पर्यटकों के फंसने की सूचना है। पुलिस द्वारा रेस्क्यू कार्य लगातार चलाया जा रहा है। कालका-शिमला रेल सेवा सुचारू रूप से चल रही है तथा बड़ी तादाद में पर्यटक रेल से वापस जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि शिमला शहर में एक फुट से अधिक बर्फ गिरी है, जबकि शिमला से सटे पर्यटक स्थलों कुफरी व नारकंडा में दो फीट के करीब हिमपात हुआ है। भारी मात्रा में बर्फ के गिरने से राजधानी के सभी मुख्य मार्गों सहित अंदरूनी सड़कें बंद हैं। शिमला का ऊपरी इलाका पिछले पांच दिनों से राज्य मुख्यालय से कटा हुआ है। बर्फ़बारी की वजह से जिले में परिवहन व बिजली की आपूर्ति ठप पड़ गई है। जिले में 563 सड़कें अवरुद्ध हैं। हालांकि गुरुवार को मौसम पूरी तरह साफ बना हुआ है तथा जिला प्रशासन द्वारा सड़कें खोलने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।