रायपुर। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सीएए-एनआरसी, जेएनयू, राम मंदिर, ट्रिपल तलाक, पुलवामा और अनुच्छेद-370 और 35ए के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मंगलवार देर शाम कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि छह महीने में ही कांग्रेस सरकार को छत्तीसगढ़ की जनता पहचान गई और पूरा छत्तीसगढ़ भाजपा और मोदी जी के साथ आ गया। कहीं भी छह महीने में जनादेश बदलते नहीं देखा। जनता ने आज विपक्ष का दायित्व दिया है। उनकी उम्मीद है कि हम आदिवासी युवाओं व महिलाओं के अधिकार की रक्षा के लिए संघर्ष करें। साथ ही सरकार के खोखले वादों और उसकी हकीकत को सबके सामने लाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता संघर्षशील है और विपक्ष में ही रहकर खिलता है। चुनाव की जय-पराजय भाजपा का भाग्य तय नहीं कर सकता। कार्यकर्ताओं की निष्ठा तय करेगी हमारा भाग्य। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यक्रम को और रमन सिंह सरकार के 15 साल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएं तभी हम छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ा सकते हैं।
4 महीने में बनने लगेगा भव्य राम मंदिर:
शाह ने कहा है कि चार महीने के अंदर आसमान को छूने वाले भव्य राम मंदिर को बनाने की शुरुआत हो जाएगी। हम भाग्यशाली हैं कि अपने जीवन में अयोध्या में भगवान राम का मंदिर देख पाएंगे। उन्होंने कहा, ”मैं आज राम के ननिहाल में आया हूं। मैं यहां कह रहा हूं कि आने वाले चार महीनों के अंदर आपके भांजे का भव्य मंदिर बनना शुरू हो जाएगा।”
अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर मुसलमान भाइयों को उकसाया जा रहा है कि उनकी नागरिकता चली जाएगी। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि किसी भी मुसलमान की नागरिकता नहीं जाने वाली। नागरिकता लेने का इसमें कोई प्रावधान नहीं है। मुझे जरा राहुल बाबा बताएं कि सीएए की कौन सी धारा उन्होंने पढ़ी, जिसमें देश की मुसलमानों की नागरिकता जाने की बात लिखी है। भ्रम फैला कर लोगों को डराना बंद करना होगा।
जेएनयू में हुई नारेबाजी का जिक्र करते हुए शाह ने कार्यकर्ताओं से पूछा, ‘भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की बात कहने वालों को जेल में डालना चाहिए की नहीं? मोदी जी ने निर्णय लिया है कि इस कन्हैया एंड कंपनी को जेल में डाल दो।’ शाह ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल बीतने के बावजूद केजरीवाल सरकार ने कन्हैया और दूसरे आरोपितों के खिलाफ मामला चलाने की इजाजत नहीं दी।
गृहमंत्री ने कहा कि जब-जब कांग्रेस की सरकारें रहीं, तुष्टिकरण की नीति अपनाकर देश की सुरक्षा को तार-तार किया गया। गृहमंत्री के मुताबिक, कांग्रेस की पूर्व की सरकारों ने देश के दुश्मनों के खिलाफ कदम उठाने के बजाय अपने वोट बैंक की चिंता की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में देश की कोई सुरक्षा नीति नहीं थी। साथ ही पाकिस्तान से आतंकी अक्सर हमारे देश में घुस आते थे और हमलों को अंजाम देते थे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को कश्मीर में अकेला तिरंगा लहरा रहा था तो दिल को बड़ा सुकून मिला।
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार आने के बाद एक बड़ा बदलाव आया है। उरी और पुलवामा में हुए आतंकी हमलों का तुरंत जवाब दिया गया। हमारे जवानों ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के घर में घुसकर दुश्मनों को खत्म किया। गृहमंत्री ने कहा कि मोदी शासन में ही दुनिया को पहली बार अहसास हुआ कि भारत भी अपने जवानों की मौत का बदला ले सकता है। इससे पहले दुनिया में केवल दो देश अमेरिका और इजराइल ही ऐसे थे, जो ऐसा कर पाने में सक्षम थे।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जब भाजपा को आम चुनाव में दो सीटें मिली थीं तब राजीव गांधी ने पार्टी का मजाक उड़ाते हुए कहा था, ‘हम दो हमारे दो’। शाह के मुताबिक, उस वक्त कांग्रेस के 400 सांसदों ने उनकी हंसी उड़ाई थी और आज कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि उनके पास विपक्ष में बैठने लायक सांसद नहीं बचे हैं। दूसरे विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि आज देश के कई राजनीतिक दल परिवार की पार्टियां बनकर रह गई हैं, जिनकी कोई विचारधारा नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि उन्हें राजीव गांधी की तरह ‘अहंकारी’ नहीं होना है।
अमित शाह ने राजद्रोह के आरोप में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार जेएनयू के छात्र नेता शरजील इमाम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘शरजील का बयान देखिए, वीडियो देखिए। कन्हैया कुमार से भी खतरनाक बोले हैं। चिकन नेक को काट दो, असम भारत से कट जाएगा। अरे सात पुश्तें लग जाएंगी भइया, असम ऐसे नहीं कटेगा। आज दिल्ली पुलिस ने उन्हें धर लिया है। आज उन्हें जेल की हवा खाने दिल्ली लाया जा रहा है।’