नई दिल्ली। देश में 3 जनवरी से शुरू होने जा रहे 15 से 18 साल की उम्र तक के बच्चों के वैक्सीनेशन में डोज के लिए ज्यादा विकल्प उपलब्ध नहीं होंगे। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल बच्चों को भारत बायोटेक की स्वदेश निर्मित कोवैक्सिन की ही डोज लग पाएगी।

हालांकि अधिकृत सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 60 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को 10 जनवरी से लगने वाली प्री-कॉशन डोज के तौर पर वही वैक्सीन लगाई जाएगी, जिसकी उन्हें इससे पहले दो डोज दी गई हैं।

सूत्रों का कहना है कि जायड्स कैडिला की स्वदेशी वैक्सीन जायकोव-डी को अभी तक देश में वैक्सीनेशन कैंपेन में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, दुनिया की पहली DNA बेस्ड नीडिल फ्री (बिना सुई वाली) वैक्सीन जायकोव-डी को DCGI से 20 अगस्त को ही इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है। इस वैक्सीन को 12 से 18 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी।

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