नई दिल्ली। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization – WMO) ने अगले पांच सालों में दुनियाभर में होने वाले मौसमी परिवर्तन की भविष्यवाणी की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि साल 2025 फिर से सबसे गर्म साल का रिकॉर्ड तोड़ सकता है. क्योंकि अगले पांच साल में धरती का तापमान 40 फीसदी तक बढ़ सकता है. इसके अलावा अटलांटिक महासागर में भयावह स्तर के हरिकेन (Hurricanes) आने की आंशका है.

यूनाइटेड किंगडम के मौसम विज्ञानी लियो हर्मेन्सन ने कहा कि तापमान में दोगुनी वृद्धि का मतलब है टेक्नोलॉजी का बदलना. यानी ऐसी तकनीकी जो बदल तो रही है लेकिन उससे गर्मी भी बढ़ी रही है. हमने कभी ध्रुवीय इलाकों पर ध्यान ही नहीं दिया है. वहां की हालत दिन-प्रति-दिन खराब होती जा रही है. WMD की चेतावनी का मतलब है कि सभी देशों और उनकी सरकारों को पर्यावरण और धरती को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे.

ऐसा माना जा रहा है कि यूके में 11 से 13 जून को होने वाले G-7 लीडर्स समिट में पर्यावरण को लेकर गंभीर चर्चा होने वाली है. क्योंकि दुनिया के कुछ बड़े देशों की भविष्यवाणी भी WMO के बराबर ही है. ये देश हैं स्पेन, जर्मनी, कनाडा, चीन, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क. लेकिन सिर्फ इन देशों के एकसाथ आकर कोई कदम उठाने भर से काम नहीं चलेगा. इसके लिए दुनिया के सारे देशों को एकसाथ आना होगा.

WMO के प्रो. पेटेरी टालस ने कहा कि यह बेहद साइंटिफिक और तथ्य आधारित स्टडी है. यह सिर्फ भविष्यवाणी नहीं है कि खराब मौसम आएगा और चला जाएगा. यह पूरी धरती पर असर डालेगा. जिसका असर धरती के हर रहने लायक इलाके में रह रहे लोगों और जीवों पर होगा. क्योंकि ऑस्ट्रेलिया और कैलिफोर्निया के जंगलों की आग, हिमखंडों का टूटना, ग्लेशियरों का गायब हो जाना ये बढ़ते तापमान का ही नतीजा है. इस तरह से धरती की जैव-विविधता खत्म हो जाएगी

 

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