नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल मार्च में अपने ढाका दौरे के वक्त दावा किया था कि बांग्‍लादेश की आजादी के लिए उन्‍होंने अपने साथियों के साथ मिलकर आंदोलन किया था और जेल भी गए थे।

पीएम के इस दावे पर तब विपक्षी नेताओं ने जमकर सवाल उठाए थे। अब पीएम के बांग्लादेश में जेल जाने को लेकर आरटीआई के जरिए पीएम कार्यालय (PMO) से इस बारे में जानकारी मांगी गई।

हालांकि, पीएमओ का साफ जवाब है कि वह किसी प्रधानमंत्री के कार्यकाल की ही जानकारी दे सकता है।

पीएमओ का कहना है कि यह कार्यालय नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनका आधिकारिक रिकॉर्ड रखता है। हालांकि, विरोधियों का कहना है कि पीएमओ की ही इस वेबसाइट पर उनसे जुड़ी 1950 की एक विशिष्ट जानकारी मुहैया कराई गई है।

इसमें कहा गया है कि वह एक गरीब लेकिन प्रेमी परिवार में जन्मे थे, जिनके पास अतिरिक्त पैसे भी नहीं हुआ करते थे।

 

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