नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्वास व्यक्त किया है कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी की वर्तमान दौर से शीघ्र उबर जाएगी और पहले से अधिक मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योग जगत के सम्मलित प्रयासों से देश आर्थिक मंदी की दौर से बाहर निकलेगा और पचास खरब डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आलोचको ने उद्योग व्यापार जगत का एजेंट कहते हैं या एजेंट बताते हैं, लेकिन वास्तव में वह 130 करोड़ भारतीयों के हितों के एजेंट हैं। मोदी ने कहा कि वह आर्थिक मंदी के बारे में पेश किए जा रहे आंकड़ों को चुनौती नहीं देते अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव के दौर पहले भी आए हैं। वह अर्थव्यवस्था को लेकर की जा रही आलोचना में सकारात्मक बात तलाश कर आगे बढ़ना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने सरकार के आलोचको से पूछा कि वे उस समय क्यों चुप थे जब पिछली सरकारों के दौरान वित्त वर्ष की एक तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 3.5 फीसदी दर्ज की गई थी। उस समय विभिन्न श्रेणियों में महंगाई की दर 5 से लेकर 9 फीसदी के बीच थी। इतना ही नहीं राजकोषियों घाटा 5.6 फीसदी तक पहुंच गया था। उस निराशजनक दौर में ये आलोचक क्यों चुप थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों पर विजय हासिल करने की सामर्थ देश में है और संकल्प भी। सरकार के इरादे साफ है और हौसले बुलंद हैं। कम से कम उनके हौसले के बारे में तो किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।