लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण नीति लाने का फैसला किया है। प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा इस पर तेजी से कार्य कर रहा है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जनसंख्या अधिक होने से जन कल्याणकारी नीतियां बनाने में दिक्कत होती है। आजादी के समय देश की जनसंख्या 37 करोड़ थी।
उन्होंने कहा कि 1950 से परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू हुए लेकिन जैसे सरकारी कार्यक्रम चलते हैं वैसे ही ये भी चला। इसके चलते जनसंख्या बढ़ती गई पर इसके सापेक्ष संसाधनों का विकास इतनी तेजी से नहीं हुआ। सरकारी योजनाएं जनसंख्या के अनुसार ही बनाई जाती हैं। इसलिए अब जरूरी है कि इस विषय पर नीति बने। सरकार इसके लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है।
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर रही है। हमारा प्रयास है कि हम पूरे देश की जनसंख्या नियंत्रण नीति का अध्ययन कर एक ऐसी नीति बनायें, जो सबसे बेहतर हो। मंत्री के मुताबिक सही वक्त आने पर जनसंख्या नियंत्रण नीति से जुड़े हुए तमाम नियम सार्वजनिक किए जायेंगे। वहीं सूत्रों के मुताबिक सरकार की नीति में प्रावधान हो सकता है कि तीन से अधिक बच्चों के होने पर सम्बन्धित व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होगा। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 200 मिलियन लोग रहते हैं। वर्ष 2011 की अंतिम जनगणना के अनुसार प्रदेश में पूरे देश की 16.51 प्रतिशत जनसंख्या रहती है। वर्ष 2001 में यह प्रतिशत 16.16 प्रतिशत था। राज्य में 64 ऐसे शहर हैं, जिनकी जनसंख्या एक लाख से अधिक है।
यदि उत्तर प्रदेश को एक देश माना जाये तो यह दुनिया का 5वां सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है। वर्ष 2011 की अंतिम जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में बाल जनसंख्या का प्रतिशत 15.41 प्रतिशत है जो कि 30,791,331 है। ऐसे में सीमित संसाधनों को देखते हुए यहां जनसंख्या नीति बनाने की मांग उठती रही है। वहीं देश में राष्ट्रीय स्तर पर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में नीति लागू है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अपील कर चुके हैं। पिछले वर्ष ही 15 अगस्त के मौके पर उन्होंने कहा था कि हमारे यहां जो जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक संकट पैदा करता है लेकिन ये भी मानना होगा कि देश में एक जागरूक वर्ग भी है जो इस बात को अच्छे से समझता है। ये वर्ग इससे होने वाली समस्याओं को समझते हुए अपने परिवार को सीमित रखता है। ये लोग अभिनंदन के पात्र हैं। ये लोग एक तरह से देशभक्ति का ही प्रदर्शन करते हैं। इसके बाद विभिन्न मौकों पर सरकार के जिम्मेदारों की ओर से जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत बतायी गई। अब उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में धरातल पर काम करने में जुट गई है।