रांची। झारखंड में पुलिस हिरासत से लगातार अपराधी फरार हो रहे हैं। बीते सात माह के आंकड़े बताते हैं कि पुलिस हिरासत से 11 अपराधी फरार होने में सफल हुए हैं। अपराधियों का फरार होना संबंधित पुलिस अधिकारी के कार्य पर सवाल उठाता है। पुलिस के लापरवाही का लाभ उठाकर अपराधी कोर्ट परिसर, पुलिस थानों और अस्पतालों के जेल वार्डों से फरार हो रहे है। मामले में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है।
कब कब भागे अपराधी

15 सितंबर 2020 को चतरा जिले में कोरोना जांच के लिए आये डोडा तस्कर के हथकड़ी सहित पुलिस के हिरासत से फरार हो गया था।

6 अक्टूबर 2020 गढ़वा में पुलिस को चकमा देकर हथकड़ी समेत वाहन से कूदकर अपराधी फरार हो गया था।

26 नवंबर 2020 रांची के सदर अस्पताल से कोविड टेस्ट करवाने के दौरान एक कैदी फरार हो गया। उसे नामकुम थाना क्षेत्र से पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

7 दिसंबर 2020 साहिबगंज जेल जाने से पहले दो अपराधी पुलिस जीप लेकर फरार हो गए थे। पुलिस कोर्ट में प्रस्तुत कर पेपर तैयार कर रही थी।इस बीच मौका देखकर ड्राइवर को धक्का मार जीप लेकर फरार हो गए।

29 दिसंबर 2020 सरायकेला पुलिस की लापरवाही से पुजारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी बासित माझी मंडल कारा गेट से हथकड़ी समेत फरार हो गया था।

6 फरवरी 2021 दुमका जेल से रांची के रिम्स में इलाज कराने आए एक कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।

9 मार्च 2021 हजारीबाग के जेपी कारागार से दो विदेशी नागरिक खिड़की की रॉड काटकर फरार हो गए थे। दोनों कैदियों की फरारी का पता उस समय चला, जब जेल के सुरक्षाकर्मी उन्हें खाना देने गए थे।

23 मार्च 2021 प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के सबजोनल कमांडर कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान लातेहार के बालूमाथ थाना से फरार हो गया।

30 मार्च 2021चतरा के हंटरगंज थाना के हाजत से एक आरोपी फरार हो गया था। फरार आरोपी कुल्फी विक्रेता के हत्या का आरोपी था।

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