रामगढ़। रामगढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी एनी रिंकू कुजूर का फर्जी हस्ताक्षर कर 78 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है। यह मामला उजागर हुआ तो जिला प्रशासन के होश उड़ गए। इसके साथ ही बैंक के वरीय अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ गई है। गुरुवार को इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है।
प्रकरण की जानकारी देते हुए एसडीओ कीर्ति श्री ने बताया कि तीन चेक से कुल 78 लाख रुपये निकाले गए हैं। एक चेक में 35 लाख, दूसरे चेक में 35 लाख 21 हजार और तीसरे चेक में 07 लाख 79 हजार की निकासी हुई है। बुधवार को भी 18 लाख का चेक फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक में लगाया गया था। बैंक अधिकारियों ने जब प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन किया तो पूरा फर्जीवाड़ा ही पटल पर आ गया।

प्रखंड विकास पदाधिकारी एनी रिंकू कुजूर के द्वारा रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि पूरी रकम छत्तीसगढ़ के रायपुर शाखा और बिहार के बेगूसराय शाखा में ट्रांसफर की गई है। एसडीओ ने बताया कि इंदिरा आवास योजना के साथ-साथ कई अन्य योजनाओं में आवंटित राशि रामगढ़ प्रखंड अधिकारियों के द्वारा देना बैंक में जमा कराया गया था। देना बैंक अब बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ मर्जर हो गया है। ऐसी स्थिति में उस रकम की निकासी बैंक ऑफ बड़ौदा से होनी थी। तीनों चेक बैंक ऑफ बड़ौदा में लगाए गए और वहीं से उसे ट्रांसफर किया गया है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि जिस चीज से इस भारी रकम की निकासी हुई है, वह चेक प्रखंड कार्यालय के स्तर से जारी नहीं किया गया है। वहीं बैंक अधिकारियों ने भी इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
बैंक अधिकारियों के अनुसार प्रखंड कार्यालय को जो चेक बुक जारी किया गया था, उसी से तीनों चेक बैंक में आए हैं। उसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी का साइन और मोहर था। जिसकी वजह से उन्हें किसी प्रकार का संदेह नहीं हुआ। अब पूरे प्रकरण में बैंक और जिला प्रशासन के अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं। बैंक का कहना है कि गलती प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से हुई है जबकि अधिकारी अब पूरा ठीकरा बैंक के ऊपर फोड़ने में लगे हैं।

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