हजारीबाग। जब बाड़ ही खेत की फसल खाने लगे तो खेत भगवान भरोसे हो जाता है। यह कहावत हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। इस एचएमसीएच पर पूरे उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के कई जिलों के निवासियों के मरीजों को बेहतर इलाज की एक उम्मीद या आस जगी है, जब वहां की व्यवस्था चरमरा जाए तो गरीब, लाचार, मजबूर मरीजों की उम्मीदें टूटती हैं और वर्तमान हेमंत सरकार पर कई सवाल भी उठने लाज़मी हो जाते हैं। सरकार की उदासीनता, प्रशासन की अनदेखी और एचएमसीएच प्रबंधन की लापरवाही से यहां नाम बड़े दर्शन छोटे वाली कहावत भी बखूबी चरितार्थ हो रही है।

जब यह सदर अस्पताल था तब साधन- संसाधन के अलावे डॉक्टरों के लिए मारामारी होती थी। लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तब्दील होने के बाद यह कमियां बहुत हद तक दूर हुई लेकिन वर्तमान समय में भी यहां इलाज कराने पहुंचने वाले मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्राप्त नहीं होती है और उन्हें आउटसोर्सिंग नर्सिंग स्टाफ के भरोसे या यूं कहें तो भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है। कोरोना के आपदा को भी यहां के प्रबंधक और कर्मियों ने अपने लिए अवसर बनाया और मनमानी करते हुए खूब लूट मचाई।

जहां एक और कोरोना संक्रमण से मरीज जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे, मरीजों के परिजन कष्ट और पीड़ा से परेशान थे तभी अस्पताल में तैनात कुछ लालची नर्सिंग कर्मी और बाबू से लेकर पदाधिकारी तक इस महामारी को अपने लिए पैसे कमाने का अवसर बना दिया। उक्त बातें हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने कही। सदर विधायक मनीष जायसवाल के निर्देश पर उनके मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने सदर अस्पताल के वक्त से यहां की व्यवस्था सुधारने और लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा दिलाने के लिए हमेशा मशक्कत किया है। पिछले करीब 7 वर्षों से वे नियमित रूप से अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था के खिलाफ मरीजों के हित में मुखर रहे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के बीच पिछले करीब डेढ़ महीने से वे खुद संक्रमित होने और पारिवारिक परेशानियों की वजह से सशरीर सेवा दे पाने में असमर्थ हैं लेकिन दूरभाष के जरिए जरूरतमंदों को हर संभव मदद के लिए तत्पर रहते हैं। विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी ने कहा की राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष जांच करते हुए चिकित्सा जैसे पुनीत पेशे को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास करने वाले लोगों के पूरे रैकेट का पर्दाफाश जल्द करना चाहिए ताकि आवाम भी मनुष्य रूपी इन दैत्यों से परिचित हो सके। इस घृणित अपराध में शामिल सभी लोगों को समाज के अन्य अपराधियों के तर्ज पर कड़ी सजा भी अवश्य मिलनी चाहिए ।

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