Khunti : “बड़ी हसरत से छोटी बहन का ब्याह पांडा बोदरा के साथ किया था। सोचा था बहन खुश रहेगी। पर जीजा हैवान निकला। शादी के कुछ दिन बाद ही बहन को सताने, रुलाने और टॉर्चर करने का दौर शुरू हो गया। बहन ने बताया था कि जीजा पांडा बोदरा रोज दारू पीकर लफड़ा करता है। उसे खूब मारता-पीटता है। एक दिन तो नशे की हालत में बेटे को भी नहीं बख्शा। मारपीट में बेटे का पैर तक टूट गया था। तब बेटा महज तीन महीने का था। अभी वह करीब एक साल का है। मैंने जीजा पांडा को समझाने-बुझाने की खूब कोशिश की पर वह मुझसे भी उलझ गया। जीजा का टॉर्चर बर्दास्त से बाहर हो चला था, सो मैंने खतरनाक इरादा बना लिया। अपने दोस्तों के साथ मिलकर जीजा को मार डाला। उसे बचाने के चक्कर में उसका दोस्त सेबेयन हपदगढ़ा भी मारा गया।” दोहरे हत्याकांड के पीछे छुपे सारे राज सनिका पूर्ति ने पुलिस के सामने उगल दिये। उसकी निशानदेही पर खूंटी पुलिस ने कब्र खोदककर पांडा बोदरा और सेबेयन हपदगढ़ा की डेड बॉडी निकाली। दोनों की लाशें खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र के कोचा पहाड़ जंगल के पास जमीन में गाड़ दी गई थी। मारा गया पांडा खूंटी का और सेबेयन चाईबासा का रहनेवाला था।
दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने की भनक मिलते ही खूंटी पुलिस कप्तान अमन कुमार ने एक SIT का गठन किया। SDPO अमित कुमार के नेतृत्व में बनी SIT टेक्निकल सेल की मदद से हत्यारों तक पहुंच गई। पुलिस ने चार लोगों सनिका पुर्ति, लेंगा पुर्ति एसी थेमस और एसी सिंगराय को उठा लिया। गिरफ्तार सनिका पुत्रि पुलिस के सामने सबकुछ उगल दिया। मारा गया पांडा बोदरा उसका जीजा था। इस दोहरे हत्याकांड का खुलासा करने में मुरहू थानेदार इकबाल हुसैन, अड़की थानेदार नरसिंह मुंडा, एसआई अर्जुन कुमार सिंह, शशि प्रकाश, उत्तम कुमार, दिगंबर पांडेय, लक्ष्मण चौधरी रौशन कुमार सिंह, सुशांत सुंडी और विनोद कुमार की सराहनीय भूमिका रही।
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