रामगढ़। रामगढ़ में शुक्रवार को स्कूली छात्रों से भरी हुई एक बस चालक की लापरवाही के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में स्कूली छात्र तो बाल-बाल बच गए। लेकिन विद्यालय प्रबंधन और बस मालिकों की लापरवाही उजागर हो गई। कोठार ओवर ब्रिज के पास हुए इस हादसे की सूचना जैसे ही अभिभावकों तक पहुंची, उनका गुस्सा फूट पड़ा। अभिभावकों ने सबसे पहले अपने बच्चों का हाल जाना। उसके बाद रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ बाजार समिति के पास धरने पर बैठ गए। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मुश्किल से अभिभावकों को समझाया और उन्हें यह भरोसा दिलाया कि दोबारा बच्चों के जिंदगी से खिलवाड़ नहीं होगा। इसके बाद भी अभिभावक नहीं माने।

अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन को 48 घंटे का समय दिया। 48 घंटे में विद्यालय की सभी बसों के सही तरीके से जांच कराने, उसकी मरम्मत कराने और सब ठीक हो जाने के बाद ही बच्चों को स्कूल बस से लाने की अनुमति दी। अगर 48 घंटे के बाद भी विद्यालय प्रबंधन और बस मालिकों की लापरवाही सामने आती है तो अभिभावकों ने ईट बजाने की चेतावनी दे दी। विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों से लिखित तौर पर दो दिन का समय मांगा है।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ स्पष्ट, काफी तेज चल रही थी बस
जिस जगह पर बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है वहां एक दुकान में लगी सीसीटीवी कैमरे में पूरा घटनाक्रम कैद हो गया। पुलिस जब वहां पहुंची तो यह पाया कि बस पहले से ही काफी तेज चलाई जा रही थी। इसका मतलब है कि बस चालक काफी लापरवाही सेब गाड़ी चला रहा था। बस ना तो किसी चीज से टकराई और ना ही उसे किसी गाड़ी ने चकमा दिया। वह काफी तेज गति में होने के कारण अनियंत्रित हुई और सड़क के किनारे पलट गई।
इन बच्चों को आई है हल्की चोट
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने बताया कि ईश्वर की कृपा रही की किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई। लेकिन बस में 70 बच्चे थे और यह हादसा एक विकराल रूप ले सकता था। अभिभावकों के अनुसार बस में बैठे छात्र विजयश्री प्रसाद, मुस्कान, प्रिया, अनीश, विनीत, नैंसी कुमारी, रिकब रक्षित, गोलू, राजनंदनी कुमारी, हिमांषु कुमार, अभिनव कुमार, अनल आरव, प्रसून कुमार, प्रगति रानी, विनय कुमार, देवराज कुमार, आयुष कुमार, आयुष राज को हल्की चोटें आई हैं।

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