यह घटना झारखंड के चाईबासा के मनोहरपुर प्रखंड के बचमगुटु गांव की है। आरोप है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय के हेडमास्टर रमेश चंद्र महतो पारा शिक्षिका की नियुक्ति को अवैध बताकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था और उस पर गंदी नजर रखता था।

पीड़ित पारा शिक्षिका ने बताया- ‘मंगलवार को रमेश चन्द्र महतो ने कहा कि तुम्हारी अवैध नियुक्ति को लेकर एक लेटर बनाया है। उसको प्रिंट करा कर ऑफिस जाऊंगा। इसी बात पर दोनों के बीच जमकर कहासुनी होने लगी’। शिक्षिका ने रमेश चन्द्र महतो की हल्की पिटाई भी कर दी। इधर, स्कूल में हो रहे शोरगुल को सुन कर आसपास मौजूद लोग मौके पर पहुंच गए। इसके बाद ग्रामीणों ने जूतों की माला पहनाई और नारेबाजी करते हुए गांव में करीब एक किलोमीटर तक घुमाया। ग्रामीणों ने HM को स्कूल से हटाने की भी मांग की है।

 

बताया कि- ‘नियुक्ति 2003 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बचमगुटु में हुई थी। 2005 में रमेश चन्द्र महतो का पदस्थापन इसी स्कूल में हुआ। बाद में वह साल 2020 में स्कूल के हेड मास्टर बने। उसके बाद से मेरी नियुक्ति को अवैध बताते हुए तरह-तरह से प्रताड़ित करने लगे। इस बात पर कई बार कहासुनी भी हुई। गलत नीयत भी रखते हैं। नियुक्ति प्रमाण-पत्र भी अपने पास रखे हुए हैं’। आरोप है कि HM ने शिक्षिका से 50 हजार रुपए की मांग भी की थी।

इधर, स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद्र दास और अन्य सदस्यों ने भी स्कूल के प्रति HM की भूमिका पर सवाल उठाते हुए बताया- ‘वह स्कूल में पूरी अवधि तक नहीं रहते हैं। साथ ही स्कूल के अन्य शिक्षकों और समिति के सदस्यों के साथ भी उनका व्यवहार ठीक नहीं रहता है’।

पारा शिक्षक संघ की महिला मोर्चा की प्रदेश महासचिव सीमा मुंडारी ने बताया- ‘इसकी शिकायत शिक्षिका ने संघ से भी की थी। तब संघ की ओर से HM से बात की गई थी। इस पर उसने पारा शिक्षिका पर नाराजगी व्यक्त की थी’।

‘मुझ पर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं। मैंने पारा शिक्षिका को कभी भी प्रताड़ित नहीं किया है और न ही उन पर गलत नीयत रखता हूं’।

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