बड़कागांव। प्रखंड अंतर्गत अपनी मांगों को लेकर एनटीपीसी कोल माइंस पकरी बरवाडीह परियोजना के खिलाफ भू-रैयतों ग्रामीणों के द्वारा बीते 3 जुलाई से अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन, सरकार द्वारा गठित टीम के आश्वासन के बाद सड़क जाम धरना प्रदर्शन हटा लिया गया। कमेटी के द्वारा बताया गया कि आगामी 20 अगस्त तक ग्रामीणों की मांग की समीक्षा की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को सौंपी जाएगी। कमेटी के द्वारा जिन कार्यों की समीक्षा की जाएगी उसमें मुख्य रूप से मुआवजा भुगतान, रोजगार तथा पुर्नवास, 2013 भूमि अधिग्रहण बिल के अलावा अन्य मांग शामिल है।
ग्रामीणों से वार्तालाप के दौरान मुख्य रूप से अध्यक्ष छोटानागपुर प्रमंडल के कमिश्नर, विधायक अंबा प्रसाद, एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रशांत कश्यप के अलावा एसडीओ मेघा भारद्वाज, अंचलाधिकारी वैभव कुमार सिंह, एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद रावत उपस्थित थे। आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि सरकार के द्वारा गठित टीम के आश्वासन के उपरांत हम लोग धरना प्रदर्शन तत्काल स्थगित कर रहे हैं। निर्धारित समय पर हम लोगों की मांगे अगर पूरी नहीं होंती है तो पुनः हम लोग धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।
एनटीपीसी खुद को सरकार समझती है : साजिद
झारखंड मंत्रालय में राजस्व सचिव के निर्देशानुसार बड़कागांव के एनटीपीसी मामले में लगातार हो रहे सत्याग्रह आंदोलन के संबंध में त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया था जिसमें उत्तरी छोटानागपुर आयुक्त को अध्यक्ष एवं विधायक, उपायुक्त एनटीपीसी के प्रबंधक को सदस्य बनाया गया था। शुक्रवार को हजारीबाग परिसदन भवन में पहली बैठक आयुक्त की अध्यक्षता में संपन्न हुई जो बेनतीजा साबित हुई। इस बैठक में मुख्य रुप से बड़कागांव की विधायिका अंबा प्रसाद, एनटीपीसी के कार्यकारी प्रबंधक माथुर एवं उपायुक्त की अनुपस्थिति में सदर अनुमंडल पदाधिकारी मेघा भारद्वाज उपस्थित हुई। बैठक में सर्वप्रथम एनटीपीसी के कार्यकारी प्रबंधक ने कंपनी में सुचारू रूप से कार्य को चालू कराने की मांग की जिस पर विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि विस्थापित और प्रभावित के मांगो के बावजूद ही कार्य को शुरू किया जाएगा।
जिस पर आयुक्त ने निर्देश दिया कि आंदोलन कर रहे लोगों से मिलकर आपसी समन्वय बनाया जाए और कार्यस्थल पर जाकर आंदोलन करता से मिलकर फिर से कार्य शुरू कराया जाए। हालांकि एनटीपीसी के कार्यकारी प्रबंधक ने स्पष्ट रूप से आंदोलनकारियों से मिलने को लेकर इनकार कर दिए और चले गए। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता साजिद अली खान ने कहा कि पूर्व से ही एनटीपीसी ईस्ट इंडिया कंपनी के तरह बर्ताव कर रही है, जो इस बैठक में भी देखने को मिला है। कंपनी के प्रतिनिधि सरकार द्वारा गठित कमेटी के अध्यक्ष की बातों को नहीं मान रहे हैं जो खेद जनक है। कंपनी के पदाधिकारी अपने आप को सरकार से भी खुद को उपर समझते हैं। यह पूछे जाने पर की क्या एनटीपीसी में कार्य फिर से सुचारु रुप से चालू हो पाएगा। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर कंपनी अपने बर्ताव में नरमी लाती है तो निश्चित तौर पर विस्थापित प्रभावित बात करने को तैयार है और जनप्रतिनिधियों के प्रयास से समाधान भी निश्चित होगा।