देवघर। देवघर के त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे से सफर के दौरान फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। रविवार से शाम से 48 लोग अलग-अलग ट्रॉलियों में करीब 2000 फीट की ऊंचाई पर फंसे हैं। सोमवार को सुबह से शुरू हुए वायु सेना के अभियान में अब तक 18 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। तेज हवा के चलते रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। ट्रॉली में फंसे लोगों के लिए हेलीकॉप्टर के जरिये खाना-पानी पहुंचाया गया है।

देवघर जिले के त्रिकुट पहाड़ में मौजूद झारखंड का एक मात्र रोपवे रविवार शाम करीब 4:30 बजे डाउन स्टेशन से चालू हुआ। चंद मिनट में पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे के यूटीपी स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया। इसके बाद रोप-वे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं। सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें पांच लोग सवार थे। स्थानीय लोगों और रोप-वे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला।
हादसे के दौरान इसमें सबसे नीचे की दो ट्रॉली पत्थर से टकरा गयी। इन दोनों में सवार सभी लोग घायल हो गये। पर्यटकों के लिए संचालित रोप-वे की कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं, जिससे काफी संख्या में लोग ट्रॉलियों में फंस गए। एनडीआरएफ की टीम ने रविवार रात रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करके 12 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया लेकिन रात होने की वजह से ऑपरेशन बंद करना पड़ा था। कल बचाए गए लोगों में आज पथरड्डा, सारठ निवासी सुमंती देवी (40) की मौत हो गई है। बचाए गए लोगों में एक बच्ची समेत तीन की हालत बेहद गंभीर है। घायलों में अधिकांश लोग बिहार के हैं।

सोमवार सुबह से आईटीबीपी और एनडीआरएफ के साथ वायु सेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो गई। वायु सेना ने दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्य में लगाया है, जहां 48 लोग दुर्घटना के कारण रोपवे ट्रॉली में फंसे हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टर ट्रॉलियों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हैं। हवा में लटके लोगों तक एक खाली ट्रॉली में बिस्किट और पानी के पैकेट पहुंचाए गए हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है जिसमें वायु सेना के हेलीकॉप्टर मदद कर रहे हैं। तेज हवा चलने की वजह से हेलीकॉप्टर की ट्रॉलियां हिलने लगती है जिससे फंसे हुए लोगों को निकालने में दिक्कतें आ रही हैं।
हादसे के बाद से स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे, जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सहित कई आला अधिकारी मौके पर डेरा जमाए हुए हैं। उपायुक्त ने बताया कि रोपवे सर्विस को बंद कर दिया गया है और घायलों को इलाज के लिए देवघर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देवघर जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों को जल्द से जल्द निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताया
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत के रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया है। रांची एयरपोर्ट पर उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि इस हादसे के बाद युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें विशेषज्ञों की भी सहायता ली जा रही है। इस हादसे पर सरकार की पूरी नजर है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सरकार द्वारा लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।

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