धनबाद। झरिया स्थित लोदना क्षेत्र संख्या 10 के नॉर्थ तिसरा परियोजना में शुक्रवार को जोरदार विस्फोट के साथ माइंस से जहरीली गैस एवं धुंआ का भारी मात्रा में रिसाव होने लगा। इससे आस पास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई। जहरीली गैस और धुवा निकलने से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। वहीं बीसीसीएल प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
घटना को लेकर लोदना क्षेत्र के अपर महाप्रबंधक पीके मिश्रा, परियोजना पदाधिकारी पंकज कुमार प्रबंधक डीके माजी, सुरक्षा अधिकारी ईश्वर प्रसाद व्यूप्वाइंट पहुंचे, जहां से निकलती धुआं और आग को देखा। तत्काल आग की रोकथाम के लिए उसके ऊपर परियोजना का ओबी पत्थर गिराना प्रारंभ किया गया।
प्रबंधन ने चेक पोस्ट के समीप डोजरिंग का कार्य प्रारंभ करवाया। इसके साथ ही आस पास खड़े वाहनों एवं मशीनों को बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा हटा दिया गया है। प्रबंधन ने बताया कि पहले सुरक्षा जरूरी है। मजदूरों को सुरक्षित कर लें, इसके बाद आग को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। प्रबंधन की प्लानिंग है कि ऊपर से बोर हॉल कटिंग किया जाए। इस क्षेत्र में जो कोयला जल रहा है उसको काटकर हटाएंगे। आग को पूरी तरह साफ किया जाएगा। प्रबंधन ने बताया कि सुरक्षा समिति के साथ बैठक भी की जाएगी और इस विषय पर चर्चा कर स्थाई समाधान निकाला जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले सात अप्रैल को भी इस स्थान पर ऐसी ही घटना देखी गई थी। उस वक्त बीसीसीएल के डायरेक्टर टेक्निकल ने मौके पर पहुंचकर उसके ऊपर ओवी और पत्थर डालने का निर्देश दिया था। तीन दिन तक चले उस ऑपरेशन के बाद यह आग और धुंए पर काबू पाया गया था। लेकिन अब दूसरी ओर से विस्फोट होकर धुआं और गैस निकलने लगा है। मजदूरों का कहना है कि यही स्थिति रही तो तीन सिम का 52 फीट कोयला जल कर राख हो जाएगा।
गैस रिसाव और धुंआ से हाजिरी घर एमओसी पी बंगाली कोठी गोकुल पार्क आदि क्षेत्रों पर खतरा मंडरा रहा है। जिधर का हवा होता है उधर तेजी से गैस एवं धुआं जा रहा है। लोगों ने तत्काल ठोस उपाय करने की मांग की है। झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के सचिव उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि इसका ठोस पहल होना चाहिए बार-बार भराई करने से दूसरे जगह आग फेंक देता है। इसलिए ड्रिलिंग करके पंचर करना चाहिए ताकि आग समाप्त हो और देश की ऊर्जा को बचाया जा सके। बीसी के यू के फागु नापित ने कहा कि यदि पूर्व में बालू भराई होती तो आज ये स्थिति नहीं होती। पूर्व में बालू भरआई के नाम पर जो घोटाला हुआ उसकी जांच हो और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई हो।
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