बड़कागांव। इन दिनों प्रखंड के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है बेमौसम बारिश और लॉकडाउन के कारण खेतों में सब्जियां सड़ रही है। तो वही किसानों को  सब्जियों का खरीदार नहीं मिल रहा हैं। इन दिनों किसानो को काफी विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा हैं। सब्जी नहीं बिक पाने के कारण लोग खेत में या रास्ते, कुंवे में सब्जी फेंकने को मजबूर है।

इस विकट परिस्थिति को लेकर कई किसानों ने अपनी अपनी व्यथा सुनाई है। आइए जानते हैं किसने ने क्या कहा? बड़कागांव पश्चिमी पंचायत के किसान दशरथ महतो ने कहा कि बड़कागांव में सब्जी मंडी नहीं रहने के कारण किसानों को सब्जी का उचित भाव नहीं मिल पा रहा है।  बेमौसम बरसात और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण किसानों की कमर ही टूट गई है। 6 माह बीत चुके 12 दिसंबर 2020 में बेची गई धान की राशि सरकार ने अब तक नहीं दी है अब समझ नहीं आ रहा है कि धान की खेती हम कैसे करें।

केरीगड़ा गांव किसान सिकंदर महतो ने कहा कि खरीदार नहीं मिलने के कारण मजबूरन ₹4 किलो खीरा बेचना पड़ा। मेरा लगभग ₹50000 का नुकसान हुआ है। सरकार से मांग करते हैं कि बेची गई धान का पैसा किसानों को जल्दी से जल्दी दे ताकि किसान धान की खेती अच्छे  से कर सके।

कांदतरी गांव के किसान मनोज महतो ने कहा कि सब्जियों के दाम नहीं मिलने के कारण मजबूरन खेतों में कुआं में जहां-तहां फेक देना पड़ रहा है । बड़कागांव हाई स्कूल मैदान बाजार में ₹3 किलो भी भिंडी नहीं बिका तो मजबूरन कुआं में डाल देना पड़ा। क्या? करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

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