झारखंड के लोहरदगा जिले में एक पिता ने बेटी की बलि चढ़ा दी. छह साल की इकलौती बेटी को अंधविश्वास में केवल इसलिए मार डाला, क्योंकि उसे बेटे की चाह थी. घटना पेशरार प्रखंड मुख्यालय पंचायत के बोण्डोबार गांव की है.

बोण्डोबार गांव में ओझा-गुनी के चक्कर में पड़कर सुमन नगेसिया ने अपनी छह वर्षीय बेटी की बलि चढ़ा दी. ओझा-गुनी करने वाले ओझा भगतों ने सुमन से कहा था कि बेटी की बलि चढ़ाओगे तो बेटे का जन्म होगा. इसी अंधविश्वास में उसने अपनी बेटी की बलि चढ़ा दी.

आरोपी 26 साल का सुमन नगेसिया अनपढ़ है. वह रोजी-रोजगार के लिए दूसरे प्रदेश में गया हुआ था. वहीं किसी ओझा-गुनी से पुत्र प्राप्ति को लेकर चर्चा की थी. और बताया था कि उसकी छह साल की बेटी है और उसे बेटा नहीं हुआ है. बेटे के लिए क्या उपाय करना होगा.

बेटे की चाह में सुमन ने भगत आदि को बुलाकर घर में अनुष्ठान किया और आंगन में बेटी की बलि चढ़ा दी. बेटी को बलि चढ़ाए जाने के बाद 26 वर्षीय सुमन नगेसिया की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है.

नक्सल प्रभावित और दूभर क्षेत्र होने के अलावा जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीणों ने सुमन को पकड़कर पहले किस्को प्रखंड मुख्यालय ले आए. जिसके बाद पेशरार पुलिस ने वहां पहुंच कर सुमन को गिरफ्तार कर लिया. बच्ची का पोस्टमार्टम कराने के बाद लाश परिजनों को सौंप दी गई है.

सुमन की पत्नी 21 वर्षीय फुलमनिया नगेसिया भय से पाखर के सिकरागढ़ा स्थित अपने मायके चली गई है. ओझा-गुनी करने वाले भगतों का पता नहीं चल सका है कि वह कहां से गांव आए थे. ग्रामीणों ने बताया कि सुमन ने अपनी बेटी सुषमा को आंगन में पूजा-पाठ करने के बाद ही बलि दे दिया. पुलिस ने सुमन को लोहरदगा मंडल कारागार भेज दिया है.

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