बोकारो। धनबाद और बोकारो की सीमा पर स्थित वर्षों से बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लाक में अवैध खनन के दौरान खदान में फंसे चार ग्रामीण सोमवार की सुबह सुरक्षित बाहर निकल आए। यह सभी 96 घंटे तक कोल ब्लॉक में फंसे रहे। गत 26 नवंबर को खदान धंसने के कारण यह सभी खदान के अंदर ही रह गए थे।
सुरक्षित बाहर निकले इन मजदूरों की पहचान लक्ष्मण रजवार, रावण रजवार, भरत सिंह और अनादि सिंह के रूप में की गई है। यह सभी तिलाटांड के रहने वाले हैं। इन लोगों ने बताया कि खदान से बाहर निकलने का रास्ता इन्होंने खुद ही बनाया। मजदूरों के बाहर निकलने की सूचना पर स्थानीय विधायक अमर कुमार बाउरी भी गांव पहुंचे। मजदूरों के बाहर निकलने से गांव में जश्न का माहौल है। मजदूरों के खदान से बाहर निकलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के टीम मौके पर पहुंची। मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की।
बताया जाता है कि बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखंड स्थित बंद पड़े पर्वतपुर कोल ब्लाक में लंबे समय से अवैध खनन चलता रहता है। यह काम कोयला तस्कर स्थानीय मजदूरों के माध्यम से करवाते हैं। सूचना मिली कि गत 26 नवंबर को को खनन का काम चल रहा था। अचानक से खदान धंसने के कारण खनन कार्य में लगे लोग फंस गए। कुछ लोगों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया। खदान में कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका व्यक्त की गई। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नही हो पा रही थी।। स्थानीय लोग इस संबंध में कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे।
जानकारी मिलने के बाद बोकारो के उपायुक्त कुलदीप चौधरी और एसपी चंदन झा ने 27 नवंबर को मामले के जांच के आदेश दिए। यही स्पष्ट नहीं हो रहा था कि कोई खदान में फंसा है अथवा नहीं। गत 28 नवंबर की एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। खदान में फंसे मजदूरों को निकालने से लिए ऑपरेशन शुरू हुआ। कुछ देर बाद स्थानीय जटिलताओं को देखते हुए इसे रोक देना पड़ा। स्थानीय थाने समेत जिले के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। इसके पहले बीसीसीएल के रेस्क्यू टीम ने खदान में फंसे लोगों को बाहर करने का प्रयास किया। करीब 12 घंटे के ऑपरेशन के बाद टीम ने अपने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद फंसे चार ग्रामीण सोमवार की सुबह खुद ही सुरक्षित बाहर निकल आए