हज़ारीबाग। लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार के डिटेंशन सेंटर से म्यांमार का बंदी फरार हो गया। इसकी जानकारी रविवार की सुबह मिली। जानकारी मिलते ही जेल व जिला प्रशासन सकते में आ गया। पूरी जानकारी लेकर जिला की सीमा को सील करते हुए फरार बंदी की खोजबीन शुरू कर दी गई।
जानकारी मिलते ही एसपी कार्तिक एस जेल परिसर पहुंचे और जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर से पूरी घटना की सूचना प्राप्त की। साथ ही डिटेंशन सेंटर का भी जायजा लिया, जहां से वह फरार हुआ। बताया गया कि फरार बंदी डिटेंशन सेंटर के कमरे की खिड़की का रॉड काटकर फरार हुआ। यह भी बताया गया कि फरार बंदी के साथ 3 और बांग्लादेशी भी डिटेंशन सेंटर में रह रहे है। हालांकि तीनों डिटेंशन सेंटर में मौजूद है। जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने बताया कि फरार होने वाले म्यांमार के बंदी का नाम मो अब्दुल्ला है। उन्होंने बताया कि उसके फोटो के साथ हुलिया की जानकारी जिला के सभी थानों को दे दी गई है। संभावना जताई कि वह जल्द ही पकड़ा जाएगा।
जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने बताया कि अवैध रूप से घुसपैठ करने के मामले में उसे रेलवे पुलिस ने पकड़ा था। उसके पास वीजा पासपोर्ट कुछ भी नहीं था। पकड़े जाने के बाद उसे न्यायालय से सजा दी गई और 24 जनवरी 2020 को विदेशी मो अब्दुल्ला के साथ 3 बांग्लादेशी घुसपैठिये की भी सजा पूरी हो गई। सजा पूरी होने के बाद भी म्यांमार व बांग्लादेश की सरकार ने सभी को वापस ले जाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। पिछले 26 फरवरी को चारों विदेशी बंदी को दुमका से हज़ारीबाग स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारागार स्थानांतरित किया गया। 26 फरवरी से चारों विदेशी बंदियों को जेल के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
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