चौपारण। चौपारण प्रखण्ड के दैहर पंचायत के कैरी पिपराही निवासी गणेश भुइयाँ ने गुरुवार सुबह 27 मई की पत्नी एवं प्रशासन की लापरवाही के कारण अंतिम साँस लिया । न्याय के लिय भटकते – भटकते भोजन पानी, दवा के अभाव में दम तोड़ दिया। बताते चलें तो बीते 18 मई को बीमार गणेश भुइयाँ ने पत्नी से तंग आकर चौपारण प्रशासन से आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी।

वह प्रशासन से मदद की गुहार लगाते रहा इसके बाद भी इसके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं गणेश भुइयाँ के भाई ज्ञानी भुइयाँ, पूरन भुइयाँ और गाँव के कुुछ लोग खाना दे देते थे, जिसके चलते मृतक की पत्नी गाली – गलौज करते रहती थी , गणेश भुइयाँ ने खाना पीना और दवा के अभाव में प्राण त्याग दिया, उसके कफ़न के लिए आपदा टीम चौपारण की ओर से समाज सेवी नागेन्द्र दांगी के माध्यम से 4000 हजार रुपए मदद दी गई ।

वही ज्ञानी भुइयाँ के द्वारा मृतक का दाह संस्कार किया गया। किंतु अब तो यही प्रश्न उठेगा कि चलिये कम से कम पत्नी एवं प्रशासन का सिरदर्द ख़त्म हो गया। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे। परन्तु एक प्रश्न गूँजता रहेगा आखिर पत्नी, प्रशासन, और समाज सेवी द्वारा भोजन पानी और दवा का समय पर मदद मिलता तो गणेश की मौत नही होती ।

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