गोड्डा। देश के सर्वोत्कृष्ट क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर द्वारा आयोजित पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप इन क्रिटिकल केयर मेडिसिन चयन परीक्षा में डॉक्टर रंजीत कुमार भगत ने प्रवेश पाकर न सिर्फ गोड्डा
जिले का बल्कि झारखंड का नाम रोशन किया है। देश के 10 डॉक्टरों का इस मेडिकल क्षेत्र के उत्कृष्ट कोर्स की परीक्षा में चयन होना था, जिसमें सबसे गंभीर विषय वाले गहन चिकित्सा विभाग में झारखंड से अकेले इनका चयन होना अपने आप में एक विशेष उपलब्धि है। डॉ रंजीत ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एमबीबीएस एवं एनेस्थीसिया से पीजी का कोर्स वर्ष 2018 में पूरा किया था। वर्तमान में इनका पदस्थापन रिम्स के न्यूरो गहन चिकित्सा विभाग एवं कोविड-19 आईसीयू में किया गया है जो राज्य का सर्वोत्कृष्ट अस्पताल बताया जाता है। मूल रूप से जिले के महागामा प्रखंड के भंडारीडीह गांव निवासी रामखेलावन भगत के पुत्र डॉ रंजीत के छोटे भाई चंदन कुमार भारती ईसीएल के राजमहल ओसीपी में उत्खनन विभाग के इंजीनियर हैं। दोनों भाइयों ने पथरगामा के सरकारी मध्य विद्यालय एवं उच्च विद्यालय से ही अपनी प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की थी। इस संबंध में इंजीनियर भारती ने बताया कि हम दोनों भाइयों का लक्ष्य आरंभ से ही इन दोनों क्षेत्रों में था, अब गोड्डा जिले में एक बेहतर मेडिकल सुविधा व इलाज की सेवा देना हम लोगों का लक्ष्य है। सीएमसी वेल्लोर में जहां एक साथ कई क्रिटिकल केयर की सुविधा उपलब्ध है, में उनका चयन होना गर्व की बात है। क्रिटिकल केयर यानी गहन चिकित्सा के संबंध में डॉ रंजीत कुमार भगत ने बताया कि ब्रेन, ह्रदय, किडनी, आंख या अन्य किसी संवेदनशील अंग के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें क्रिटिकल केयर के माध्यम से ही बचाया जाता है। कोरोना काल में इसकी भूमिका और भी बढ़ चुकी है। अपनी सफलता के पीछे उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद बताया।

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