रांची। झारखंड में जनसंख्या नियोजन को लेकर संभावनाएं अधिक प्रबल होती दिख रही हैं और निजी क्षेत्र से लेकर सरकारी नौकरियों तक के द्वार खुलते दिख रहे हैं। हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का प्रबंध हुआ है तो जिन्हें सीधी नियुक्ति नहीं मिल रही है, उनके लिए आत्मनिर्भरता की नई पाठशालाएं तैयार हैं। लोगों को प्रशिक्षण देकर विभिन्न रोजगार से जोडऩे और आर्थिक मोर्चे पर उन्हें सशक्त करने के उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों को सक्रिय किया जा रहा है।
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लगभग 17 लाख परिवार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुके हैं तो शहरी क्षेत्रों में इनकी संख्या डेढ़ से दो लाख परिवारों के बीच है। महिलाओं के इन समूहों को बैंकों के सहयोग से आत्मनिर्भर बनाने की कवायद सफल होती दिख रही है।
नया साल रोजगार के दृष्टिकोण से कई संभावनाओं को मजबूत करता दिख रहा है। साल की शुरुआत में ही निजी क्षेत्रों में आरक्षण से संबंधित विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के साथ रोजगार देनेवाले सबसे बड़े सेक्टर में स्थानीय लोगों को कम से कम 75 प्रतिशत नौकरी की संभावना प्रबल हुई। इससे एक बड़ी आबादी को सीधे रोजगार का लाभ मिलेगा।
शिक्षक और सिपाही भर्ती का उठाएं लाभ
इसके अलावा शिक्षक बहाली से लेकर सिपाहियों तक की नियुक्ति राज्य सरकार करने जा रही है। इसके लिए भी नियमावली में आवश्यक संशोधन कर लिया गया है। राज्य सरकार प्रदेश में सरकारी नियुक्तियों के लिए मार्ग खोलने जा रही है और कम से कम एक दर्जन विभागों ने इससे संबंधित अधियाचना कार्मिक विभाग के माध्यम से कर्मचारी चयन आयोग को भेजा है।
महिलाओं के रोजगार पर भी पूरा ध्यान
जनसंख्या नियोजन को लेकर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चल रही आर्थिक गतिविधियां एक कारगर उपाय के रूप में उभरकर सामने आई हैं। ऐसे समूहों को ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक में ना सिर्फ सरकार बल्कि बैंकों की ओर से भी लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे महिलाओं के माध्यम से पूरे परिवार को जोड़ा गया है।
इन सरकारी नौकरियों के लिए शीघ्र निकलेगा विज्ञापन
- कनीय सचिवालय सहायक
- क्षेत्रीय कार्यालयों में निम्नवर्गीय लिपिक
- विधि विज्ञान प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों की बहाली
- परिवहन विभाग में निम्न वर्गीय लिपिक
- प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी
- प्राइमरी एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बहाली
- पुलिस बहाली
प्राइवेट सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं वाला क्षेत्र
- कोलियरी क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर बहाली होगी
- कपड़ा उत्पादन से संबंधित कारखानों में रोजगार
- उद्योग नीति के तहत खुलनेवाले उद्योगों में नौकरी