हजारीबाग। हजारीबाग मोहम्मद सिराज नूरा वार्ड नंबर 3 निवासी के द्वारा लोहसिंघना थाना में अपनी बेटी आशियां प्रवीण को दहेज ना देनें मार पीट कर जहर खिलाकर हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए पति मोहम्मद शमशेर, ससुर मोहम्मद हकीम, देवर मोहम्मद तबरेज और देवर की पत्नी को आरोपी बनाते हुए आवेदन दिया है।
आवेदन में बताया गया है के आशियां परवीन 30 वर्ष की शादी 8 वर्ष पहले मोहम्मद शमशेर पिता मोहम्मद हकीम कसाई मोहल्ला निवासी के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के साथ कि गई थी हमारे पास जितना हो पाया दहेज दिए 30,000 तथा घर का सारा सामान हमारे द्वारा दिया गया शादी के दो माह के बाद ही बेटी आशियां के साथ उसके पति मोहम्मद शमशेर, ससुर मोहम्मद हकीम, देवर मोहम्मद तबरेज और देवर की पत्नी इन लोगों के द्वारा लगातार मारपीट करते थे जिसके कारण मेरी बेटी के मानसिक तथा शारीरिक प्रताड़ना झेलना पड़ता था।
इसको लेकर समाज के लोगों ने कई बार बैठक की बहुत समझाया पर वह अपने हरकतों से बाज ना आया समाज के लोगों का प्रयास के बाद भी ससुर दामाद नहीं समझा तो हमने महिला थाना में आवेदन दिया आवेदन पर पति शमशेर तथा ससुर मोहम्मद हकीम को थाना में बुलाकर समझाया गया थाना प्रभारी ने दोनों बाप बेटे को समझाते हुए उठक बैठक करवाते हुए थूक कर चटाया और यह कबूल करवाया के आइंदा ऐसा नहीं होगा।
लेकिन बेटी अखियां के साथ वही होता रहा मेरी बेटी के तीन बच्चे हैं सात साल का एक बेटा पांच साल की बेटी और ढाई साल का बेटा है यह लोग खाना पीना में भी बहुत परेशानी करते थे आए दिन उसको पैसा मांगने के लिए बोला जाता था हम लोगों ने कई बार पैसे भी दिए की बेटी अच्छा से रहे पर ऐसा ना हुआ। मेरी बेटी अशियां सिलाई कर अपना गुजर-बसर करती थी और वह सिलाई मशीन हमारे द्वारा ही खरीद कर दिया गया था फिर भी बेटी को लगातार चारों परिवार मिलकर मारते पीटते थे।
26 जुलाई कि रात में पता चला कि मेरी बेटी सदर अस्पताल में है और उसका देहांत हो चुका है जब हमलोग सदर अस्पताल पहुंचे तो देखें कि मेरी बेटी मर चुकी है शरीर पर बहुत सारे चोट के निशान है जैसे कि उसे बहुत मारा गया है वहां इसके पति और ससुर या परिवार के कोई भी लोग अस्पताल में नहीं थे बेटी आशियां के मृत शरीर को छोड़कर पूरा परिवार भाग चुका था हमने बेटी का अंतिम संस्कार अपने घर पर लाकर किया थाने में एफ आई आर करने पर 1 अगस्त को पति और ससुर को गिरफ्तार किया गया है और देवर देवरानी घर छोड़कर फरार हैं हमें पूरा यकीन है कि सब परिवार ने मिलकर मेरी बेटी की हत्या की है।
इधर दहेज मुक्त झारखंड संस्था के द्वारा भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का काम कर रही है।