रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आदिवासियों का जमीन लूटने का काम सोरेन परिवार ने किया है। बोकारो का रहने वाला सीएनटी/एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासी की जमीन संथाल में नहीं खरीद सकता, लेकिन ऐसा हुआ। पाकुड़ में भी हेमंत सोरेन ने 200 एकड़ जमीन खरीदी है। उसकी जानकारी वहां के कार्यकर्ता और जनता ने दिया है। इस तरह इन लोगों ने बरसों से संथाल परगना को चूसने का काम किया है। लेकिन आप ने 2014 में डबल इंजन की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में और राज्य में भाजपा के सरकार बनाने का काम किया। इन 5 वर्षों में आपने देखा कि संथाल परगना में कितने विकास हुए हैं।
यह बताने का जरूरत नहीं है। सोमवार को मुख्यमंत्री दास जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के तहत दुमका, हंसडीहा, नुनिहाट, नंदिचौक में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पूर्व भी मैं संथाल आया था। उस समय यहां की गरीबी देख बड़ी पीड़ा हुई थी। उस समय मैंने संकल्प लिया था। अगर मैं गलती से मुख्यमंत्री बना तो संथाल के विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगा। क्योंकि जब भी मैं संथाल आता हूं तो एक बेटा को अपनी मां की गोद में आकर जो सुकून मिलता है वैसा ही सुकून मैं संथाल आकर अनुभव करता हूं।
संथाल में फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की है योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथालपरगना में आलू, गोबी, करैला प्रचुर मात्रा में होता है। मैंने संथाल परगना में फूड प्रोसेसिंग यूनिट प्रारंभ करने की योजना बनाई है, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल सके साथ ही अपने उत्पाद को एक सुरक्षित जगह रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज निर्माण की भी योजना है। पोड़ैयाहाट को इंडस्ट्रियल हब बनाने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
एक बेटा को अपनी मां की गोद में आकर जो सुकून मिलता है वैसा ही संथाल आकर अनुभव करता हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के समक्ष चुनौतियां हैं, समस्याएं भी हैं। इसे मैं स्वीकार करता हूं। विगत 5 साल में वर्तमान सरकार ने कई चुनौतियों को स्वीकार किया और समस्याओं का समाधान भी किया। अगर राज्य गठन के बाद झारखण्ड में एक स्थिर सरकार, एक पार्टी की सरकार, निर्णय लेने वाली सरकार का गठन होता तो झारखण्ड आज इन चुनौतियों और समस्याओं से नहीं जूझ रहा होता। 67 साल तक देश और 14 साल तक झारखण्ड परिवारवाद, वंशवाद की चपेट में रहा। संथाल में बाप, बेटा, बहू राज करते रहे। इन्हें खुद की सम्पन्नता और विकास की चिंता रही, न की संथालवासियों की। आपने 2014 में एक स्थिर और मजबूत सरकार दी, जिसका परिणाम है संथाल में एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, एम्स, बंदरगाह, गंगा नदी पर पुल, उन्नत सड़कें, घर-घर बिजली, आदिवासी संस्कृति का संवर्धन, किसानों को सम्मान, लोगों के स्वास्थ्य की चिंता, महिलाओं का आर्थिक स्वावलंबन समेत अन्य कार्य।
सरकार अपनी नियत और नीति और आपके आपार समर्थन की वजह यह सब कर सकी। आनेवाले दिनों में और विकास के कार्य राज्य में हों, इसके लिए फिर एक बार झारखण्ड को मजबूत सरकार की जरूरत है, मुझे विश्वास है कि राज्य की जनता सही निर्णय लेते हुए फिर डबल इंजन की सरकार बनाएगी।