रामगढ़। कहा जाता है कि कोयले कारोबार में हर व्यक्ति के हाथ काले हो जाते हैं। लेकिन बरका सायल प्रक्षेत्र के न्यू बिरसा परियोजना में लोगों की नियत भी काली हो गई है। यहां कमेटी के नाम पर कोयला लोड करने वाले प्रत्येक ट्रक से मोटी रकम की उगाही की जा रही है। यह रकम विस्थापितों के नाम पर वसूली जा रही है, जो पूरी तरीके से अवैध है। न्यू बिरसा परियोजना में हर दिन सैकड़ों गाड़ियों की लोडिंग होती है। हर गाड़ी को 2880 रुपए अवैध तरीके से भरना पड़ रहा है। सोमवार को जब मीडिया की टीम न्यू बिरसा परियोजना के उरीमारी कांटा घर के पास पहुंची तो वहां दर्जनों ट्रकों की कतार लगी हुई थी। पूछने पर पता चला कि इन ट्रकों का कांटा तब तक नहीं होगा जब तक वह विस्थापितों द्वारा बनाई गई कमेटी के सदस्यों को रकम नहीं दे देते हैं।
लोडिंग कराने आए ट्रक चालक अजीत ने बताया कि 2880 रुपए के अलावा ₹200 कांटा घर पर लाइन लगने के लिए देना पड़ता है। इन पैसों का ना तो कोई हिसाब होता है, और ना ही कमेटी के द्वारा कोई स्लिप दिया जाता है। ट्रक चालकों ने बताया कि उन पैसों का हिसाब विस्थापित ग्रामीणों द्वारा बनाई गई कमेटी आपस में ही करते होंगे। हर ट्रक को न्यू बिरसा परियोजना में कोयला लोड कराने के लिए कॉल ₹5200 भरने पड़ते हैं। इस रकम में मजदूरी, लोडिंग और कमेटी तीनों शामिल हैं। सबसे ज्यादा पैसा कमेटी के नाम पर ही वसूला जाता है। ट्रकों को लाइन में लगाने के लिए कमेटी के सदस्य मौजूद होते हैं।
उरिमरी के कांटा घर के कर्मचारी विनय कुमार साहू ने बताया टैंकर के अभाव में पानी छिड़काव समय पर नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि परियोजना में कोयले की कोई हेराफेरी नहीं है। परियोजना के बाहर कौन क्या कर रहा है इसका पता उन्हें नहीं है। विस्थापितों द्वारा किस तरह पैसे वसूले जा रहे हैं इसकी कोई शिकायत किसी ने नहीं की है।
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