रांची। झारखंड के समस्त पारा शिक्षक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। झारखंड सरकार के ढुलमुल रवैए से पारा शिक्षकों में काफी मायुसी देखी जा सकती है। उक्त बातें गिरिडीह जिला के महासचिव सुखदेव हाजरा ने कही। उन्होंने कहा कि झारखंड में जनता की आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाने वाली वर्तमान सरकार के गठन के बाद से पारा शिक्षकों के साथ ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विगत 15 वर्षों से आंदोलित पारा शिक्षकों को वेतनमान और स्थायीकरण की नियमावली भाजपा सरकार के द्वारा पारित नहीं किए जाने की स्थिति में राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों ने महा गठबंधन पर अपना भरोसा जताया।

नतीजतन अब महागठबंधन की सरकार सुचारू रूप से चल भी रही है लेकिन पारा शिक्षकों की मांग अब भी अधूरी है। श्री हाजरा ने कहा कि हेमंत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री जगरनाथ महतो पारा शिक्षकों के कल्याण को लेकर काफी गंभीरता दिखाते रहे हैं लेकिन अन्य मंत्रियों की कोई सहयोगात्मक तारीफ नहीं मिल पाने की स्थिति में वेतनमान का यह प्रस्तावित विधेयक पर कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिल पा रही है, जिससे पारा शिक्षकों में काफी असंतोष व्याप्त है। उन्होंने जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी के उस वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने जीत हासिल करने के बाद विधान सभा में पारा शिक्षकों को 50हजार वेतन देने की बात कह रहे थे। उन्होंने सरकार से पारा शिक्षकों की मांगें पूरी करने की अपील की है।

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