खूँटी (स्वदेश टुडे)। जिले में जनसंघ को खड़ा करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता शालिग्राम सिंह बड़ाईक आज 93 वर्ष की आयु में अपना देह त्याग कर नश्वर को प्राप्त किये। 1962ई से खूँटी में जनसंघ के लिए कार्य करते हुए राजनीति के भाव को बदलने के लिए खड़े हुए। और बागडोर सम्भालते हुए आमजनों तक संगठन भाव और विचारों को प्रेषित कर जनसंगठन खड़ा करने में अहम योगदान दिया था। 1976 ई से खूँटी कोर्ट में योगदान देते हुए एक स्वच्छ और समाज के हितकर सहयोग करते हुए लोगों को मदद करने में उनकी एक अलग पहचान बनी है। आरएसएस के सरयु सिंह के बाद दूसरे कार्यकर्ता थे। जो आरएसएस के स्वयंसेवक के रुप खड़े थे। फिर अनेक स्वयंसेवक बन संगठन कार्य को गति दिये थे।
एक जमींदार परिवार में जन्म लिए शालिग्राम सिंह उपाख्य “शालिक बाबू” द्रीपनाथ सिंह के पाँच भाईयों में सबसे छोटे बेटे थे। उदार चरित्र के शालीग्राम सिंह अनवरत भाजपा के लिए कर
कर्मयोगी बने रहे। संगठन में पद्मभूषण कड़िया मुण्डा को भी जनसंघ से जोड़नेवाले शालीग्राम सिंह ही रहे। जिन्होंने 1970ई. में पहली बार जनसंघ के बैनर तले कड़िया मुण्डा को खड़ा किया था। लेकिन हार का मुँह देखना पड़ा था। फिर संगठन के क्रिया कलाप विचार और उद्देश्य को आगे बढ़ाते चले गए । जिसका नतीजा यह हुआ कि 1977 ई में कड़िया मुण्डा को खूँटी सीट से जीत हासिल हुई। और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी। इस प्रकार क्षेत्र में जनसंघ के विचारों को आत्मसात करने वाले लोगों की जनसैलाब आ खड़ा हुआ। और आज भी उसी राजनीतिक दल का बदला नाम भाजपा सबसे बड़ी और लोकप्रिय पार्टी बनकर खड़ा हो गया।
ऐसे समाजसेवी शालिग्राम सिंह जो भाजपा को खड़ा करने में भूमिका निभाने वाले अडिग कार्यकर्ता के देहान्त पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री सह क्षेत्रीय सांसद अर्जुन मुण्डा, पद्मभूषण कड़िया मुण्डा, तोरपा विधायक कोचे मुण्डा, जनसंघी कार्यकर्ता विनोद प्रसाद सोनी, मुनिनाथ मिश्रा, परिमल घोष, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार, महेश चौधरी, समाजसेवी महेंद्र भगत, रमेश मांझी, छोटराय मुण्डा, डॉ निर्मल सिंह, संतोष सिंह, सहित अनेक लोगों ने शोक व्यक्त किया है।

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