झारखंड।  18 वर्षों से झारखंड के पारा शिक्षकों ने अपने हक एवं मौलिक अधिकारों को लेकर हमेशा संघर्ष करते हुए काफी मुसीबतों को झेल कर शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम ख्याति अर्जित कर राष्ट्र और समाज के तरक्की में अपनी सारी जिंदगी झोंक दी।

आज इसी का परिणाम है कि झारखन्ड के मूलवासी गरीब पारा शिक्षकों के सुनहरे भविष्य की उज्जवलता के लिए झारखंड में स्थापित माटी की लोकप्रिय सरकार के माननीय मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने अपने अंदाज में अपने वायदे के अनुरूप सरकार के दो वर्ष कार्यकाल पूरे होने के उपलक्ष पर पारा शिक्षकों को अभय वरदान स्वरूप झारखंड के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान रांची में आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान 60 वर्षों तक सेवा स्थाईकरण की प्रस्तावित नियमावली को अमलीजामा पहनाने की संवैधानिक घोषणा कर दिए जो इस महागठबंधन सरकार के लिए ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम है।

इस घोषणा से राज्य के 65000 पारा शिक्षकों में उत्साह का माहौल है साथ ही इस नेक कार्य के लिए सूबे के पारा शिक्षकों ने सरकार को दिल से धन्यवाद देते हुए झारखंड की गौरवशाली अभिनंदन अर्पित करते हैं।

खास तौर पे इस न्यायिक कदम के लिए राज्य के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतों एवं गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू जी को हृदय से आभार प्रकट करते हुए शुभकामनाएं एवं गौरवपूर्ण बधाई

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