रांची। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में जेपीएससी मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही सातवीं से दसवीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा के प्रश्न पत्र एक में छह प्रश्न गलत हैं। जबकि प्रश्नपत्र दो में दो प्रश्न गलत हैं। इसके अलावा पीटी परीक्षा में कई तरह की अनियमितताएं बरती गई हैं। आरक्षण के रोस्टर का पालन नहीं किया गया है। पीटी परीक्षा के परिणाम नियम के विरुद्ध हैं, इसलिए इस पीटी परीक्षा के परिणाम को रद्द कर दी जाए और फिर से पीटी परीक्षा ली जाए।

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने लोक सेवा आयोग के द्वारा ली जा रही मुख्य परीक्षा पर भी रोक लगाने की मांग की है। लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के दलील का विरोध करते हुए कहा कि पीटी परीक्षा का परिणाम नियम अनुरूप है। अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग को तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

याचिकाकर्ता शेखर सुमन ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के माध्यम से पीटी परीक्षा में गलत प्रश्नों के आधार पर जो रिजल्ट निकाला गया है। उसे रद्द करने और होने वाले मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की है। उसी याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने जेपीएससी को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। जेपीएससी के जवाब आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी। झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं से दसवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा की तिथि निर्धारित कर दी है। 28 जनवरी से 30 जनवरी तक यह परीक्षा ली जाएगी।

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