गुमला। रोजगार की उम्मीद में हमने अपनी जमीन आदित्य बिड़ला समूह की बॉक्साइट खनन कंपनी हिंडाल्को को दे दी। रोजगार तो नहीं मिला मगर कंपनी ने हमारी जमीन के साथ-साथ हम रैयतों का अमन चैन भी छीन लिया।

उक्त बातें झारखंड जेनरल कामगार यूनियन गुमला लोहरदगा जिला इकाई के अध्यक्ष सनिया उरांव ने अनशन स्थल चांदनी चौक घाघरा में उपस्थित रैयत मजदूरों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा है कि भैसबथान बॉक्साइट माइन्स एक अप्रैल 2019 से बंद है। खनन कार्य बंद होने से मजदूर भूखे मरने को मजबूर है। कोरोना कल में भी कंपनी ने मजदूरों के साथ कोई सहानुभूति नहीं दिखाई और ना ही कोई राहत कार्य ही चलाया ।

उल्लेखनीय है कि भैंसबथान बॉक्साइट माइंस को पुनः चालू कराने की मांग को लेकर यूनियन के लोग सनिया उरांव के नेतृत्व में शुक्रवार से 48 घंटे के भूख हड़ताल पर बैठे हैं। माइंस में खनन कार्य पुनः चालू न कराने की स्थिति में भू समतलीकरण के पश्चात जमीन रैयतों को वापस करने समेत गुमला लोहरदगा जिले के खनन कार्य में लगे तमाम मजदूरों का स्थायीकरण की मांग की जा रही है।

अनशन स्थल पर यूनियन के सचिव सुरेश प्रसाद यादव, तेतला उरांव, तेंबू उरांव, विनोद उरांव ,सुदर्शन उरांव हरिश्चंद्र उरांव, रवि उरांव , मनोज उरांव, महेश्वर उरांव, राजेंद्र उरांव, निर्मल उरांव सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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