रांची।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में कोरोना से हुई मौत का ऑडिट कराने की योजना बनायी है। खासकर कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों की वास्तविकता परखी जायेगी। एक अप्रैल व उसके बाद हुई मौत के आंकड़ों की ऑडिट प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है ,जो स्वास्थ्य विभाग करायेगा।

हेमंत सोरेन ने भी इस पर सहमति दे दी है। बल्कि उन्होंने ट्वीट भी किया है कि राज्य में कोरोना से मरने वालों को लावारिस नहीं माना जायेगा। उन्हें जैसे तैसे-बहाने या दफ़नाने के बजाये उनके पूरे रीति-रिवाज एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप सम्मानपूर्वक विदाई देंगे। इसके लिए सरकार के स्तर से हर दुःखी परिवार को हर सम्भव सहायता मिलेगी। यह मदद जारी है और आगे भी देंगे। कुछ लोगों को इस घड़ी को आपदा को अवसर में बदलने नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री के अनुसार सरकार निष्पक्ष ऑडिट करायेगी। इसके जरिये यह जानना है कि सरकारी आंकड़े में सच्चाई कितनी है। यह ज़मीनी हक़ीक़त से कितना अलग है। इससे हमें इस त्रासदी से प्रभावित हर परिवार की पहचान करने में मदद मिलेगी। साथ ही उन्हें ज़रूरी सभी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम से जोड़ जीवन सुरक्षित करने में मदद दी जायेगी। साथ ही ये आंकड़े हमें अपनी स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने, पारदर्शी शासन एवं बेहतर और समावेशी नीतियां बनाने में मदद करेंगे।

पांच शहरों को किया गया है टारगेट
ऑडिट के लिये रांची, धनबाद, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम और हजारीबाग शहर को चुना गया है। इसके लिए उच्च स्तरीय दो अलग अलग टीम बनायी गयी है। रिम्स, टाटा मुख्य अस्पताल, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग के लिये एक टीम लगेगी।

दूसरी टीम शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद औऱ बोकारो जेनरल अस्पताल के मामलों का ऑडिट करेगी। 31 मई तक दोनों टीम को अपनी रिपोर्ट देनी है। मौत के कारणों का संक्षिप्त विश्लेषण भी टीम करेगी। रिपोर्ट के लिये एक फॉर्मेट तय किया गया है।

Show comments
Share.
Exit mobile version