रांची। झारखंड के प्राथमिक शिक्षकों को भूतलक्षी (पिछले) प्रभाव से ग्रेड तीन, ग्रेड चार तथा ग्रेड सात में प्रोन्नति मिलेगी। इसके तहत शिक्षकों को निर्धारित अवधि तक सेवा पूरी करने पर आरक्षण रोस्टर के अनुसार पद की उपलब्धता की तिथि से प्रोन्नति दी जाएगी।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश तथा महाधिवक्ता के परामर्श पर इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
जानकारों के अनुसार, इस निर्णय से शिक्षकों को अग्रेतर ग्रेडों में शीघ्र प्रोन्नति मिल सकेगी, जिससे प्रधानाध्यापकों के रिक्त पद भर पाएंगे।
वर्तमान में मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के लगभग 95 प्रतिशत पद रिक्त हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार
- ग्रेड तीन, ग्रेड चार तथा ग्रेड सात में देय नियमित प्रोन्नति संशोधित वरीयता सूची के अनुसार पद की उपलब्धता की तिथि से वैचारिक रूप से प्रदान की जाएगी।
- आदेश के अनुसार, वैसे प्राथमिक शिक्षक, जिनकी नियुक्ति 1994 से पूर्व हुई है, या जो अनुकंपा पर नियुक्त हैं, उन्हें ग्रेड एक में प्रोन्नति नियुक्ति तिथि से दी जाएगी।
- इससे उन्हें प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतनमान मिल सकेगा।
- आदेश में यह भी कहा गया है कि ग्रेड-दो की प्रोन्नति नियुक्ति की तिथि से 12 वर्ष के बाद दी जाती है, बशर्तें उनके द्वारा इस अवधि में प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया हो।
- चूंकि इस प्रोन्नति में पद एवं आरक्षण रोस्टर आदि की गणना नहीं की जाती है, इसलिए यह कालबद्ध प्रोन्नति के समान है। इसलिए इस प्रोन्नति का बकाया भी देय होगा।
प्रोन्नति में ये प्रविधान भी होंगे लागू
-पूर्व में दी गई प्रोन्नति को रद नहीं किया जाएगा, लेकिन भूतलक्षी प्रभाव (बैकडेट) से पद उपलब्ध होने की स्थिति में वैचारिक रूप से देय प्रोन्नति की तिथि को परिवर्तित कर दिया जाएगा।
-नियमित प्रोन्नति देने के बाद प्राथमिक शिक्षक के योगदान नहीं करने की स्थिति में उन्हें वैचारिक प्रोन्नति देय नहीं होगी।
बैठक में शिक्षक संघों ने रखी थी मांग
पिछले दिनों स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा के साथ बैठक में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ सहित कई शिक्षक संघों ने इसकी मांग की थी। शिक्षक संघों ने नियमावली व कोर्ट के आदेशों को सचिव के समक्ष रखा था।
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