रांची। चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि झारखंड में नक्सल समस्या को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने पांच चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार झारखंड के 24 जिले में 19 जिले उग्रवाद प्रभावित है। इनमें 13 जिले को मोस्ट वांटेड की क्षेणी में रखा गया है। इनमें खूंटी, गुमला, लातेहार, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, रांची, दुमका, गिरिडीह, पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा और बोकारो शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित जिलों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 750 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करायी गयी। जिसमें से 340 करोड़ रुपये झारखंड को मिले। अरोड़ा गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार ही नक्सल समस्या को ध्यान में रखते हुए आयोग ने पांच चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आय़ोग की टीम झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए तीन दिवसीय दौरे पर आई थी। पहले दिन आयोग की टीम ने जमशेदपुर में अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुनाव तैयारियों की समीक्षा की। दौरे के दूसरे दिन 20 नवंबर को रांची में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई। इसके बाद प्रमंडलीय आय़ुक्तों, रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों, सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ चुनाव तैयारियों की गहन समीक्षा की गई। दौरे के अंतिम दिन गुरुवार को मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ चुनाव तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसके अलावा आयकर विभाग, उत्पाद एवं मद्ध निषेध विभाग, पोस्टल डिपार्टमेंट समेत अन्य केंद्रीय औऱ राज्यों के इंफोर्समेंट एजेंसीज के नोडल अफसरों के साथ भी चुनाव व्यय अनुवीक्षण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इन बैठकों में चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों औऱ चुनौतियों पर विस्तार से समीक्षा हुई। उन्होंने बताया कि कुछ राजनीति दल ने एनजीओ को प्राप्त हो रहे विदेशी कोष का चुनाव में दुरुपयोग कराने की आशंका व्यक्त की, लेकिन विदेशी फंडिग पर केंद्रीय एजेंसिया ही नजर रखती है।
अरोड़ा ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा जिन बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है, आयोग उसे लेकर गंभीर है। अधिकारियों को भी इन मुद्दों पर ध्यान देने का निदेश दिया है। उन्होंने बताया कि चुनाव सुधार को लेकर लगातार काम किये जा रहे है। केंद्रीय विधि न्याय मंत्रालय ने इसी वर्ष 22 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र की व्यवस्था की गयी है। आयोग ने अनिर्वाय सेवा में लगे मतदाताओं के लिए भी डाक मतपत्र की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है, लेकिन इसे लागू करने के पहले कई आवश्यक काम करने होंगे। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत झारखंड विधानसभा चुनाव में सात विधानसभा क्षेत्रों बोकरो, धनबाद, देवघर, पाकुड़, गोड्डा, राजमहल और जामताड़ा में दिव्यांगजनों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए डाक मत पत्र की व्यव्सा की गयी है। इसके लिए अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जा चुका है। 41630 मतदाता डाक मतपत्र का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसे अनिवार्य रुप से लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के एक सार्वजनिक उपक्रम की ओर से आचार संहिता लागू करने के दौरान 47 पदों के लिए नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला गया था। उसपर आयोग का ध्यान आकृष्ट कराया गया। आयोग की ओर से जवाब मांगा गया तो संबंधित पीएसयू द्वारा बताया कि इस पर रोक लगा दी गयी है।
आयोग की बैठक में राजनीति दलों ने ये मुद्दे उठाये
चुनाव आयुक्त ने बताया कि राजनीति दलों ने विभिन्न मुद्दे उठाये। इनमें अधिक से अधिक मतदान हो इसके लिए प्रयास करने, चुनाव के दौरान धनबल का दुरुपयोग और उसपर रोक लगाने, अतिविशिष्ट व्यक्तियों कार्यरत पदाधिकारियों को निर्वाचन कार्य में ड्यूटी में नहीं लगाने, तीन वर्ष से एक ही जगह तैनात अधिकारियों और पदाधिकारियों को हटाने, नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव बहिष्कार की संभावना को लेकर आश्यक कदम उठाने, एनजीओं पर पैनी नजर रखने, चुनाव प्रचार में धर्म का इस्तेमाल ना हो इसके लिए कदम उठाने, पीएयू के द्वारा रोजगार से संबंधित विज्ञापन पर कार्रवाई करने सहित 18 मुद्दे शामिल है।
पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की रहेगी तैनाती
चुनाव आयुक्त ने कहा कि विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण कराने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है। साथ ही जो भी राजनीतिक दलों के विचार आये है उसपर सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। निर्धारित मापदंडो के अनुसार आयोग की ओर से निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जनरल पर्यवेक्षक, व्यय पर्यवेक्षक, पुलिस पर्यवेक्षक और माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। धन के दुरुपयोग की दूष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान और प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये है। व्यय संबंधी मामलों की निगरानी के लए आयोग के विशेष व्यय पर्यवेक्षक मुरली कुमार को तैनात किया गया है। राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव के सभी 29464 पोलिंग बूथों पर ईवीएम मशीनों के साथ-साथ बीबीपैट का भी इस्तेमाल किया जायेगा।
प्रथम चुनाव आयुक्त के समृति में होगा वर्षिक व्याख्यान कार्यक्रम
अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग के प्रथम चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन की स्मृति में एक वर्षिक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित करेगा।
सेन 1950 से 1958 तक प्रथम चुनाव आयुक्त के रुप में कार्य किया था। यह व्यख्यान लोकतांत्रिक जगत की एक ऐसी मशहूर हस्ती की ओर से किया जायेगा जिन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्दशों को फैलाने तथा आगे बढ़ाने के लिए व्यापक तौर पर जाना और पहचाना जाता है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने अपने अंतराष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के पाठचर्या विकास केंद्र में भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएन शेषण की स्मृति में निर्वाचन अध्ययनों के इंटर डिस्पेशलरी एप्रोच पर एक विजिटिंग चेयर सथापित करने का निर्णय लिया गया है। इस चेयर की मानिटरिंग पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी करेंगे। यह चेयर अगस्त –सितम्बर 2020 से अस्तिव में आयेगा। इसके सथापना के लिए मौर मरीके आदि निर्धारित करने के लिए आयोग ने सेक्रेटरी जनरल उमेश सिन्हा की अध्यक्षता में उच्चधिकारियों की एक समिति गठित की है। जो 15 मार्च 2020 तक आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। चुनाव आयुक्त ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मतदान के दिन अखबारों में विज्ञापन छपेगा। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। बंगलादेशी घुसपैठियों की संख्या पांच विधानसभा क्षेत्रों में काफी बढ़ गयी है, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी को इसपर विशेष नजर रखने को कहा गया है।