खूँटी। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तमाम खुंटीवासियों के लिए चिन्ता का विषय बनता जा रहा है। खूँटी जिला अनुसूचित क्षेत्र होने के कारण आदिवासियों के अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, संस्कृति तथा जंगल-जमीन पर अधिकार के सवाल को सामान्य क्षेत्र के नजरिए से नहीं देखना चाहिए। यह बात आज यहां झारखंड आंदोलनकारी अलेस्टेयर बोदरा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ वर्ष पूर्व का पत्थलगड़ी मामला हमारे सामने उदाहरण है। तत्कालीन क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक ने पत्थलगड़ी मामले को सुलझाने का प्रयास कभी नहीं किया, जिसके कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई थी। कहीं फिर से खूँटी जिला में कानून-व्यवस्था का सवाल न खड़ा हो जाए।
उन्होंने क्षेत्रीय सांसद और विधायक से आग्रह करते हुए कहा कि मारंगहादा थाना के लिए अधिग्रहित जमीन के मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए कि इस मामले का न्यायोचित समाधान निकालने में ग्रामीण आदिवासियों तथा जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करें, निर्वाचित जन प्रतिनिधि होने के कारण वे उत्तरदायी भी हैं।