Hazaribagh : सनशाइन हॉस्पिटल की अनदेखी और लापरवाही के चलते मनोज मेहता की जान चली गई। इल्जाम है कि लगभग 50 साल के मनोज को हॉस्पिटल में एक इंजेक्शन दिया गया। सुई पड़ते ही उसकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई और मुंह से झाग निकलने लगा। हजारीबाग के सनशाइन हॉस्पिटल में हो हंगामा शुरू हो गया। इस बीच मनोज मेहता ने दम तोड़ दिया। गुस्साये परिजनों ने हॉस्पिटल में बवाल शुरू कर दिया। समाजसेवी संजय मेहता भी हॉस्पिटल पहुंच गये। 6 दिसंबर से लेकर 8 दिसंबर तक चली वार्ता के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन की तरफ से मृतक मनोज के परिजन को बतौर हर्जाना 2 लाख 50 हजार रुपया का चेक दिया गया। वहीं अलग से 50 हज़ार की राशि दी गई। इसके बाद घरवाले हॉस्पिटल से मनोज मेहता की डेड बॉडी ले गये। सीने में दर्द की शिकायत के बाद मनोज को बीते 2 दिसंबर को यहां भर्ती कराया गया था। वह हजारीबाग के पदमा के नावाडीह गांव के रहनेवाले थे।

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