रांची । एबीवीपी झारखंड के द्वारा चलाए जा रहे लेक्चर सीरीज के दौरान बुधवार को पूर्व पुलिस महानिरीक्षक डॉ अरुण उराँव ने विद्यार्थी परिषद के फेसबुक पेज के माध्यम से लाइव “राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज की भूमिका” विषय पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के हिसाब से पूरे देश मे 10 करोड़ 43 लाख जनजातीय लोग रहते है जो कि कुल देश के आबादी की 8.6 प्रतिशत है। देश के लोकसभा में 47 सीटें जनजातियों के लिए आरक्षित है एवं जनजातियों की उत्थान के लिए भारत सरकार में एक विशेष मंत्रालय के रूप में जनजातीय कार्य मंत्रालय सन 1999 में स्थापित स्थापित किया गया।

उन्होंने बताया कि पूरे देश की औसतन साक्षरता दर 72.99% है जबकि आदिवासियों में साक्षरता दर 59% की ही है जिसमें मिजोरम में सबसे ज्यादा और आंध्र प्रदेश में सबसे कम शिक्षित आदिवासी है।

उन्होंने आदिवासी समुदाय के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि जनजातीय समुदाय का प्राकृतिक संसाधनों पर अपना नियंत्रण नहीं कर पाना अच्छी शिक्षा नही मिल पाना एवं भाषा की समस्या होना,विस्थापन एवं पलायन की समस्या, अशिक्षित होने पर स्वास्थ्य की समस्या,नशाखोरी एवं अपनी संस्कृति से विलुप्त होने की ओर भी ध्यान केंद्रित किया। इस लाइव प्रसारण को 01 बजे तक 10 हजार से ज्यादा लोगों ने सुना । तथा इस की पहुंच मात्र एक घंटे में 22960 लोगों तक हुई ।

इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रो दिनेश उराँव ,प्रान्त अध्यक्ष प्रो नाथू गाड़ी, संगठन मंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ला, प्रदेश मंत्री राजीव रंजन देव पांडेय, सोशल मीडिया के all india co-convenor दीपेश कुमार,राष्ट्रीय मंत्री विनीता कुमारी,विशाल सिंह,सह मंत्री नवलेश कुमार,मोनु शुक्ला,मनोज सोरेन,बपन घोष,NEC सदस्य विनीत पांडेय,संजय मेहता,बबन बैठा,दिव्या पाठक,प्रदेश पदाधिकारी गण, विभाग संयोजक, जिला संयोजक, शिक्षक कार्यकर्ता सहित अन्य कार्यकर्ता गण लाइव उपस्थित थे। यह जानकारी कार्यालय मंत्री अमन अनिकेत ने दिया।

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