खूँटी। जिले में ‘ऑपरेशन खोज’ की लॉन्चिंग के तहत उपायुक्त शशि रंजन के द्वारा समाहरणालय में की गई। इस दौरान उपायुक्त ने समाहरणालय परिसर से “मुक्ति कारवां” रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने बताया कि ‘मुक्ति कारवां’ रथ पांच दिनों तक खूंटी के सभी प्रखंडों एवं हाट बाज़ार तक जाकर ग्रामीणों को बाल तस्करी, बाल मजदूरी एवं लापता हुए बच्चों से जुड़ी जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन अथवा जिला बाल संरक्षण कार्यालय में देने हेतु जागरूकता कार्यक्रम करेगी, साथ ही कोरोना की रोकथाम, सावधानियां एवं टीकाकरण पर जागरूकता बढ़ाएंगी। इस अभियान के अंतर्गत खूंटी जिला के सभी 757 गांवों के बाल संरक्षण समिति की बैठक करा कर बाल तस्करी, बाल शोषण एवं लापता बच्चों की सूची इकठ्ठी की जाएगी एवं समितियों के माध्यम से लगभग 1500 बच्चों की जानकारी प्राप्त कर उनकी घर वापसी के प्रयास किये जायेंगे। इस दौरान लापता बच्चों से सम्बंधित जितनी भी जानकारियां प्राप्त होगी उसे खोया पाया पोर्टल पर जिला प्रशासन द्वारा अपडेट भी किया जायेगा।साथ ही कोविद 19 के संक्रमण से जिन बच्चो के माता पिता या दोनों में से किसी एक भी भी मृत्यु हो चुकी है या ऐसे बच्चे जिनके माता पिता कोविद 19 के संक्रमण से ग्रसित है।इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण ईकाई, बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड लाइन खूँटी को दे सकते है।
नेशनल क्राइम रिपोर्ट्स ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2018 में झारखण्ड में 373 मामले मानव तस्करी के दर्ज हुए थे जिनमे से 314 अवयस्क लड़कियां थी जो देश के किसी भी राज्य में आये मामलों में सर्वाधिक है।

महत्वपूर्ण है कि झारखंड और विशेषकर खूंटी जिले से बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल यौन शोषण समेत बच्चों के खिलाफ हो रहे सभी तरह के शोषणों का सफाया करने की दिशा में यह जिला प्रशासन की अनूठी पहल है कि इसने बाल संरक्षण पर कार्य कर रही अग्रणी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ मिलकर जिला व्यापी जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। ‘आपरेशन खोज’ निश्चित ही बाल संरक्षण की दिशा में एक कारगर पहल साबित होगी। लॉन्चिंग कार्यक्रम में जिला प्रशाशन के अनुमंडल पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी एवं अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी समेत कैलाश सात्यर्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के राज्य स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।

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