रांची। खूंटी जिले के रनिया प्रखंड के केलो गांव की मीरा बांस से खिलौने, श्रृंगार के साधन, लाइट-कवर, पेन स्टैंड समेत घर के सजावट के सामान का निर्माण करती हैं। खूंटी के जिस इलाके में कभी नक्सलियों के बूटों की थाप गूंजा करती थी, आज उस जिले के नक्सल प्रभावित रनिया प्रखंड के जयपुर पंचायत के केलो गांव में बांस से विभिन्न प्रकार के आकर्षक सजावट सामग्री बनाकर मीरा देवी अपना और गांव का भविष्य संवारने में जुटी हैं।

मीरा देवी अपनी 12 महिलाओं की टीम के साथ बांस से आकर्षक सजावट की सामग्री बनाकर न सिर्फ आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही हैं, बल्कि दर्जनों महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराकर आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है। यहां पहले लोग घर की दहलीज के अंदर टोकरी, झोड़ी, सूप,श्रृंगार सहित कई सामग्री बनाकर स्थानीय बाजार में बेच कर अपनी रोजी रोटी चलाते थे लेकिन अब वर्तमान में आधुनिक तरीके से बांस द्वारा लालटेन लैम्प, लैंप ब्लॉक, पेंसिल बॉक्स, पेन स्टैंड सहित कई आकर्षक सजावट सामग्रियां बनाकर बेचने का काम करने लगे हैं। महिला विकास केंद्र तोरपा तथा जेएसएलपीएस के सहयोग से तस्वीर अब बदलने लगी हैं।

शुरुआत में केलो गांव में महिलाएं संगठित नहीं थीं लेकिन महिला विकास केंद्र और आंध्रप्रदेश की टीम ने केलो गांव में महिला समूह बनाने में मदद की। महिला समूह में बचत और बैंक ऋण की सारी प्रक्रिया समझने के बाद बैंक की मदद से वे बकरी पालन, मुर्गी पालन, सब्जी खेती और बांस आधारित उत्पाद मीरा के सहयोग से बनाने लगीं।

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