साहिबगंज। साहिबगंज जिले के बरहेट थाना क्षेत्र से दिल्ली में काम दिलाने के बहाने मानव तस्करी हो रही है। आदिवासी बहुल बरहेट थाना क्षेत्र के श्रीरामपुर गांव से कई को काम का प्रलोभन देकर दिल्ली ले जाया गया लेकिन वर्षों बाद अबतक कई युवतियों का अता-पता नहीं चल पाया है। आज भी उनके परिजन उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोई उनकी बेटियों को वापस लाएगा।
विगत दिनों इसी गांव की आदिवासी युवती को गांव के ही सृजन मुर्मू द्वारा मिशन में काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले जाने के बाद उसे दूसरे स्थान पर काम लगा दिया, जिसमें उसका शोषण हो रहा था। युवती किसी तरह वहां से भागकर अपने घर पहुंची। जबकि उसके साथ गई एक अन्य युवती का अबतक पता नहीं चला है।
श्रीरामपुर गांव के आसपास की 4-5 युवतियों का विगत कई वर्षों बाद भी पता नहीं चला है। युवतियों के परिजन आज भी बेटियों की तलाश में भटक रहे हैं। श्रीरामपुर गांव के मांझी टोला के चरण सोरेन तथा जटान टोला के जेठा हेंब्रम की पुत्रियों को मिशन में काम दिलाने के बहाने बरहेट थाना क्षेत्र के छप्पर टोला, सरकंडा, हिरणपुर पंचायत के मांझी मुर्मू द्वारा विगत तीन वर्ष पूर्व ले जाने के बाद अबतक उनका कोई पता नहीं चल पाया। माझी मुर्मू से संपर्क करने पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया जाता है। जबकि लबरी पंचायत के चंद्र टोला निवासी सूरूज टूडू पिता इतवार टुडू की पुत्री को जमालपुर गांव का संतोष ठाकुर दिल्ली में काम ले दिलाने के बहाने ले गया था लेकिन वर्षों बाद उसका भी पता नहीं चल रहा है।
आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मानव तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। श्रीरामपुर गांव से विगत तीन वर्षों से गायब दो युवतियों के अभिभावकों द्वारा 13 जनवरी को मुख्यमंत्री जनसंवाद में मामला दर्ज कराया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन तथा दिसुम मरंगबुरू संथाली अरीचली लेक्चर अखाड़ा के सदस्य आनंद हेंब्रम के सहयोग से मुख्यमंत्री जनसंवाद में मामला दर्ज कराया गया।

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