चाईबासा। भाकपा माओवादी के नक्सली तमड़ांग पिंगुवा उर्फ श्याम सिंकु उर्फ प्रवीण दा (51) की मौत पिछली नौ जुलाई को बीमारी के कारण हो गयी थी। प्रवीण दा पर पांच लाख रुपये का इनाम था। भाकपा माओवादी संगठन के दक्षिणी जोनल कमिटी के प्रवक्ता अशोक ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी पुष्टि की है।
विज्ञप्ति में संगठन ने तमांग पिंगुवा उर्फ श्याम सिंकु को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके अरमानों को मंजिल तक पहुंचाने की शपथ लेने की बात कही है।
विज्ञप्ति में तमांग पिंगुवा उर्फ श्याम सिंकु वर्ष 2006 से 2016 तक जेल में रहे थे। 10 वर्ष की सजा काटने के बाद 2016 में जेल से निकलते ही वह फिर पार्टी में शामिल हो गये थे। लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ गयी थी। वर्ष 2021 में काफी बीमार होने पर उनका इलाज एक निजी अस्पताल में कराया गया था लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी स्वास्थ्य काफी खराब चल रहा था।
इस वर्ष 30 जून को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी थी। बीते नौ जुलाई की सुबह अचानक उनका देहांत हो गया। उनकी पत्नी बेला सरकार कुख्यात नक्सली हैं। दोनों पति-पत्नी बंगाल के कुख्यात नक्सली नेता असीम मंडल और सचिन के दस्ते में रहते हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि निधन के बाद प्रवीण दा का पार्थिव शरीर संघर्ष इलाके में लाया गया और पार्टी कार्यकर्ताओं, पीएलजीए के कमांडरों तथा सैनिकों और स्थानीय संगठनों व जनमिलिशिया साथियों की उपस्थिति में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।
श्याम सिंकु का असल नाम तमड़ांग पिंगुवा था। उनका पैतृक गांव धनबाद जिले में है। उनके पिता बाद में पश्चिमी सिंहभूम जिला के कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अन्तर्गत पोखरिया गांव में आकर बस गये थे। 1971 में हो आदिवासी गरीब किसान परिवार में पैदा हुए प्रवीण दा तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कॉलेज में पढ़ते समय ही वे 1995-96 में छात्र संगठनों से जुड़ गये थे। 2001-02 में भूमिगत पार्टी संगठन के काम की जिम्मेवारी संभालने से पहले उन्होंने चाईबासा रेडियो प्रसारण केंद्र में भी काम किया था। भूमिगत पार्टी के कामकाज की शुरुआत उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिला के गुड़ाबांधा इलाका से की थी।