रांची। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आह्वान पर सोमवार को भारत बंद का झारखंड में मिलाजुला असर रहा। बंद के समर्थन में राज्य के कई जिलों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ। झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामदल समेत कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। कई जगहों पर कुछ देर के लिए आवागमन बाधित रहा। हालांकि, इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद रहा।

राजधानी रांची में जहां दुकानें तय समय से खुली वहीं यातायात भी सामान्य रहा। रांची में बंद के दौरान सड़क यातायात बहाल रहा। दुकानें और बाजार भी खुले रहे। बंद समर्थकों ने अल्बर्ट एक्का चौक के समीप कुछ दुकानों को बंद कराया। बंद के मद्देनजर अल्बर्ट एक्का चौक सहित अन्य चौक चौराहे पर पुलिस के जवान तैनात थे। सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था भी कुछ घंटे के लिए बाधित हुई। हरमू, मेन, रोड और लालपुर की कुछ दुकानें बंद रहीं, जबकि ज्यादातर दुकानें खुली रहीं। कांके में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कुछ समर्थकों ने बंद करने की कोशिश भी की तो पुलिस ने उन्हें सड़क से हटा दिया।

गिरिडीह में झामुमो, आप और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पर केस
बिना इजाजत के मशाल जुलूस निकालने के आरोप में गिरिडीह में तीन पार्टियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गिरिडीह नगर थाना में आप, कांग्रेस और झामुमो जिलाध्यक्ष के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। मामला आपदा प्रबंधन एक्ट के उल्लंघन के तहत दर्ज किया गया है। गिरिडीह में बंद का मिलाजुला असर रहा। सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा आवाजाही कम रही। लम्बी दूरी के वाहन नहीं चले। सरकारी एवं गैरसरकारी दफ्तर परिसरों में सन्नाटा पसरा रहा।

जिला एवं पुलिस प्रशासन ने बंद के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे। जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। बंद समर्थकों ने जगह-जगह यात्री बसों के परिचालन को रोकने की कोशिश की। गिरिडीह से रांची और दुमका जाने वाली यात्री बसों को रोक दिया। भोर चार बजे ही जेएमएम और कांग्रेस समर्थक गिरिडीह रेलवे स्टेशन पहुंचे और प्रदर्शन किया। साथ ही गिरिरीह-मधुपुर पैसेन्जर ट्रेन को रोक दिया। बंद समर्थक ने खुले पेट्रोल पंप को बंद करवाया गया। बैकों एवं सरकारी कार्यालयों को भी बंद करवाया।

धनबाद में पैसेंजर ट्रेन को रोका
धनबाद जिले में भाकपा माले समर्थकों ने पहाड़ी गोड़ा के पास सिंदरी-धनबाद पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया। बोकारो में बरवाअड्डा स्थित जीटी रोड के पास चौक को बंद समर्थकों ने जाम लगा दिया।

पलामू में बसों का परिचालन ठप

पलामू जिले में बंद का असर रहा। लगभग सभी बसें नहीं चलीं। सुबह से ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे तले छात्र नौजवानों और कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने स्थानीय बाजार छहमुहान और रेड़मा मुख्य सड़क को जाम कर दिया था।

खूंटी में आंशिक असर

खूंटी जिले में भारत बंद आंशिक असर रहा। दुकानदारों, परिवहन और पेट्रोल पंप संचालकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। सड़कों पर सिर्फ बाहर से आने वाले मालवाहक वाहनों का ही परिचालन हुआ। बंद को भाकपा माओवादी का भी समर्थन प्राप्त है। ग्रामीण इलाकों में बंद का कोई प्रभाव नहीं देखा गया। सुबह से बंद अधिकांश दुकानें भी दोपहर के बाद खुल गयी।

गुमला में बंद समर्थकों और दुकानदारों के बीच झड़प

गुमला जिले में भारत बंद बेअसर रहा। बड़ी संख्या में कांग्रेस, झामुमो व विभिन्न वाम दलों के कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे। शहर के विभिन्न मार्गों का परिभ्रमण और नारेबाजी करते हुए दुकानों को बंद कराने की कोशिश हुई। दुकानों को बंद कराने के दौरान कई जगह बंद समर्थकों और दुकानदारों के बीच झड़पें भी हुई। बंद समर्थक एक ओर दुकानों को बंद कराते रहे तो दूसरी ओर दुकानदार भी बंद समर्थकों के हटते ही फिर से अपने प्रतिष्ठानों को खोलते रहें। बहरहाल, शहर के अधिकांश व्यवसायिक प्रतिष्ठान व दुकानें खुली रहीं। पूरे जिले में आम दिनों की तरह वाहनों का परिचालन हुआ।
रामगढ़ में बाजार सामान्य दिनों की तरह ही खुले रहे

रामगढ़ जिले में बंद का आंशिक असर रहा। जिले में अधिकांश दुकानें खुली रहीं। यात्री वाहनों का परिचालन भी सामान्य तौर पर होता रहा। हालांकि, इन सबके बीच कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और वामदलों ने किसानों के पक्ष में प्रदर्शन किया गया।
रामगढ़ शहर के सुभाष चौक, थाना चौक, राष्ट्रीय राजमार्ग 33 पर पटेल चौक, नया मोड़ और मांडू प्रखंड में सड़कों पर कुछ देर के लिए जाम लगा दिया। बाद में जिला प्रशासन के एसडीओ जावेद हुसैन, अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी ने मिलकर आंदोलन को समाप्त कराया। दोपहर बाद जिले के तमाम स्थानों पर आंदोलन खत्म कर दिए गए और बाजार सामान्य दिनों की तरह ही खुले रहे।

कोयलांचल में भी आंशिक रूप से रहा बंद का असर
कोयलांचल क्षेत्र में भारत बंद का असर आंशिक रूप से ही देखा गया। रजरप्पा, कुज्जू, वेस्ट बोकारो, अरगड्डा, भुरकुंडा, भदानीनगर, उरीमारी, सयाल, न्यू बिरसा आदि परियोजनाओं में सभी दुकानें खुली रहीं। ट्रांसपोर्टिंग का कार्य भी सामान्य तौर पर चलता रहा। सड़कों पर आवागमन भी सामान्य दिनों की तरह ही चलता रहा।

जमशेदपुर में स्वेच्छा से बंद रही दुकानें
जमशेदपुर में मिलाजुला असर दिख रहा। यहां साकची समेत अन्य महत्वपूर्ण इलाकों की दुकानें तो सुबह से ही बंद रही, लेकिन गाड़ियों का परिचालन सामान्य रहा। हालांकि, संयुक्त मोर्चा के झंडे तल दर्जनों कार्यकर्ता शहर में घूम कर दुकानों और गाड़ियों के परिचालन को बंद कराने की कोशिश में जुटे रहे।

पाकुड़ में बंद दोपहर बाद हुआ बेअसर
संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सफल बनाने के लिए गैर भाजपा दलों का गठबंधन सड़कों पर उतरा। इस दौरान उन्होंने जिला मुख्यालय सहित सभी प्रमुख चौक चौराहों और रास्तों पर मोर्चा संभाल लिया। हालांकि, बाइक, ऑटो, ई रिक्शा चलते रहे। बावजूद इसके दोपहर तक बंद का असर दिखा लेकिन उसके बाद सब सामान्य हो गया। सड़कों पर छोटे बड़े वाहन दौड़ने लगे और दुकानें खुलने लगीं। इस दौरान कोई अप्रिय खबर नहीं मिली है।

चाईबासा में दिखा बंद का असर
चाईबासा जिले में भारत बंद का असर दिखा। यहां चाय स्टालों व आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सुबह से ही शहर के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बड़ी बसें भी नहीं चल रहीं।

सिमडेगा के बीरू में सड़क पर जाम
सिमडेगा में बंद का व्यापक असर देखा गया। महागठबंधन के नेता सडकों पर उतर कर प्रदर्शन किया। वाहनों का परिचालन बाधित कर दिया। इससे सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनूप केसरी की अगुवाई में कांग्रेस,झामुमो और राजद नेता के बीरू में सडकों पर उतर चक्का जाम करने से आवागम पूरी तरह ठप हो गया।

चतरा में कांग्रेस समर्थकों ने गाड़ियों को रोका
चतरा में भी बंद का असर दिख रहा है। बंद समर्थक सड़क पर उतरकर दुकानों को बंद कराते देखे गये। गाड़ियों के परिचालन को रोका। इस दौरान कार्यकर्ता कुछ लोगों से उलझ भी गए।

लातेहार में सड़क पर उतर कर किया प्रदर्शन

लातेहार में बंद के समर्थन में महागठबंधन दल के नेताओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व झामुमो के विधायक बैद्यनाथ राम ने किया। सड़क प्रदर्शन के कारण वाहनों का परिचालन बंद रहा।

देवघर जिले के चितरा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता की अगुवाई में नेताओं-कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर बंद का समर्थन किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई।

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