खूँटी। जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र और विकास के प्रखंड कार्यालय यानि प्रखण्ड मुख्यालय के निकट कई वर्षों से रह रहे विक्षिप्त व्यक्ति आज मौत के कगार पर पहुँच गया है। इस दर्दनाक स्थिति से गुजर रहे व्यक्ति को लोग केवल देखने भर के रह गए हैं। पहले लोग मदद तो कर ही रहे थे। लेकिन अब उसकी स्थिति इतनी खराब हो गई है कि बिना इलाज का इसका जीना नामुमकिन है। इधर कई दिनों से बीमार चल रहा विक्षिप्त अब केवल दवा दुआ का मुहताज रह गया है। अब जब से यह बीमार पड़ गया है तब से न तो अस्पताल के लोग इसे कुछ मदद कर पाए हैं और न ही प्रखण्ड मुख्यालय के अधिकारी। इसका किसी ने सुधार और बचाव के लिए प्रयास नहीं किया। यही कारण है कि आज यह तड़पते हुए जान देने को मजबूर है। आज इसकी स्थिति इतनी बिगड़ गई कि यह भोजन खाने लायक भी नहीं रह गया है।
यह राजेंद्र नाम का विक्षिप्त व्यक्ति कहाँ से आया है किसी को पता नहीं। पर अपना जीवन इसी जगह बीता दिया। यहाँ पर एक सरकारी गोदाम है जिसमें अभी दाल-भात योजना चलता है। और इसी भवन में अवैध कब्जा करके एक व्यक्ति टायर मरम्मत दुकान खोल रखा है। लेकिन इसे भी उसकी परवाह नहीं है। कि इसका इलाज के लिए कदम उठाए। जहाँ रात दिन यह विक्षिप्त पड़ा रहता है। और अपनी अंतिम दिन का इंतजार कर रहा है। लेकिन अगर अस्पताल में इसका सही इलाज हो जाता है तो शायद इसकी जान बच जाएगी। कई लोगों ने आज उसकी स्थिति को देखकर भोजन लेकर पहुँचे पर वह भोजन खा तक नहीं सकता। जिसे इलाज की आवश्यकता है। समाजसेवी राजेश सिंह और रवि सिंह ने रात को कम्बल और खाना पहुँचाया। लेकिन अब कानूनत: प्रशासन पर ही आश है कि इसका जीवन बचा सकेगा।
जिले भर में कई एनजीओ काम तो कर रहे हैं। लेकिन ऐसी पारिस्थितिक विषय को देखने पर ऐसा लगता है कि ऐसे कार्यों के लिए कोई नहीं है। बस सरकार से खर्च लेकर व्यौरा मात्र देने के लिए रह गए हैं।
Show
comments