रांची। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में दूसरे राज्यों में फंसे राज्यवासियों की सेवा में लगे युवाओं को मैं नमन करता हूँ। यह समय महामारी से एक होकर लड़ने की है। मैं पहले भी कह चुका हूँ। यह महामारी जात पात, धर्म, अमीरी – गरीबी में भेद नहीं करती। इस संघर्ष में हमसब एक हैं। हम एक दूसरे से दूर रहें, पर दिलों को जोड़े रखें। घर में रहें – सुरक्षित रहें।

कोई दुमकावासी भूखा न सोये

मुख्यमंत्री ने दुमका उपायुक्त को चड़कापाथर गांव की स्थिति का मुआयना कर लोगों तक जरूरी मदद पहुँचाते हुए सूचित करने का निदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई झारखण्डवासी, कोई दुमकावासी भूखा न सोये, इसको प्राथमिकता दें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि सभी दाल-भात केंद्र सुचारु रूप से संचालित हों।

खाद्यान्न अबतक नहीं मिला

मुख्यमंत्री को बताया गया कि दुमका के रामेश्वर थाना क्षेत्र स्थित चड़कापाथर गांव के लोगों की आजीविका जलावन की लकड़ी बेचकर होती है। लॉकडाउन की वजह से यह कार्य बंद है, जिससे गांव वालों के समक्ष खाद्यान्न की समस्या हो गई है। राशन भी अबतक उपलब्ध नहीं कराया गया है। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उपरोक्त निदेश उपायुक्त को दिया है।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चियों का ईलाज शुरू

मुख्यमंत्री के निदेश के बाद थैलेसीमिया से पीड़ित दो गरीब बच्चियों का ईलाज शुरू हो गया। उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि बीडीओ मुसाबनी द्वारा वाहन की व्यवस्था कर दोनों बच्चों को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अविलंब दो यूनिट  ब्लड बच्चों के लिए उपलब्ध करा दिया गया है।

जान बचाने के लिए ब्लड उपलब्ध कराने का अनुरोध

मुख्यमंत्री को बताया गया कि मुसाबनी प्रखंड के गोहला गांव (पाल टोला) की दो गरीब बच्चियां थैलेसीमिया से पीड़ित हैं। इनकी जान बचाने हेतु कृपया इन्हें ब्लड दिलाने की कृपा करें।

 

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