पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की

जामताड़ा। जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने शुक्रवार को प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं के बीच पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है।

उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत स्थिति में लाने के लिए जिन लोगों ने दिन-रात मेहनत की, उनकी भावनाओं को दरकिनार कर प्रदीप यादव को सीधे दिल्ली से शामिल कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदीप यादव जब भाजपा और बाबूलाल के नहीं हुए तो वे कांग्रेस के कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी प्रदीप यादव ने लोकसभा चुनाव में गोड्डा से जबरन महागठबंधन उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और फजीहत करवा दी। कुछ लोग दिल्ली से ही झारखंड कांग्रेस को चलाना चाहते हैं, ऐसे लोगों की अब नहीं चलेगी। प्रदीप यादव की शुरुआती ट्रेनिंग आरएसएस में हुई है और उन्हें कांग्रेसी कार्यकर्ता स्वीकार नहीं करेंगे। इरफान अंसारी ने कहा कि झाविमो के रिजेक्टेड माल को कांग्रेस में लाने की कोई जरूरत नहीं थी। इन्हें भाजपा ने भी ठुकरा दिया है।

एकबार फिर पांच मंत्री पद के लिए दावेदारी

झामुमो ने कांग्रेस आलाकमान को चार विधायक पर एक मंत्री के फॉर्मूले के लिए तैयार कर लिया था और 16 विधायकों के साथ कांग्रेस के पास चार ही मंत्री रहने की संभावना थी। वर्तमान परिस्थिति में कांग्रेस के 18 विधायक हो जाएंगे और दावा पांच पदों के लिए फिर से किया जा सकता है।

गौरतलब है कि गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के साथ झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के इन दोनों नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार शीघ्र ही इन्हें झारखंड कांग्रेस में शामिल कराया जा सकता है। दोनों को पार्टी में शामिल कराने के लिए सहमति मिलने के बाद ही यह मुलाकात हुई। चर्चा है कि इन्हें पार्टी अथवा सरकार में शीघ्र ही कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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